अब प्रारंभिक शिक्षक मूल्यांकन परीक्षा में तीन बार फेल होने के वावजूद नहीं जायेगी शिक्षकों की नौकरी .
सिटीपोस्टलाईव:बिहार के छात्रों के लिए एक बुरी खबर है लेकिन यहीं खबर बिहार के शिक्षकों के लिए बहुत अच्छी खबर है .शिक्षकों के लिए अच्छी खबर इसलिए है कि अब प्रारंभिक शिक्षक मूल्यांकन परीक्षा में तीन बार फेल होने के वावजूद भी वो शिक्षक बने रहेंगे यानी उनकी नौकरी नहीं जायेगी .छात्रों के लिए यह बुरी खबर इसलिए है क्योंकि अब उन्हें योग्य शिक्षक नहीं मिलेगें और इन्ही फेल शिक्षकों के सहारे उन्हें अपनी परीक्षा पास करनी होगी. नियमावली के आधार पर तीन बार दक्षता परीक्षा में फेल होने पर जिन शिक्षकों को सेवा से हटा दिया गया था वैसे शिक्षकों को पुन: सेवा में लेने के आदेश सरकार ने जारी कर दिया है.
बिहार नगर, पंचायत प्रारंभिक शिक्षक (नियोजन एवं सेवा शर्त) संशोधन नियमावली 2015 और बिहार नगर प्रारंभिक शिक्षक (नियोजन एवं सेवा शर्त) संशोधन नियमावली 2015 के नियम 15 (ख)(5) के अनुसार तीन बार दक्षता परीक्षा फेल करने वाले शिक्षकों को सेवा से हटा देने के प्रावधान है.पिछले वर्ष हुई दक्षता परीक्षा में शामिल शिक्षकों में से तकरीबन एक हजार शिक्षक परीक्षा पास करने में सफल नहीं हो सके थे. इन्हें सेवा से हटाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी और कई जिलों में शिक्षकों को सेवा मुक्त भी कर दिया गया था और कुछ को हटाने की प्रक्रिया चल रही थी .लेकिन इसी बीच सुप्रीम ने राज्य सरकार को वैसे नियोजित शिक्षक जो तीन बार दक्षता परीक्षा में असफल हुए हैं,उन्हें सेवा से मुक्त करने के पूर्व उन्हें छह महीने का विशेष प्रशिक्षण देकर उनके लिए एकबार और दक्षता परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दे दिया है.अगर 6 महीने के प्रशिक्षण के बाद ली जानेवाली विशेष परीक्षा में भी शिक्षक पास नहीं होते हैं तो उन्हें सेवा से मुक्त किया जा सकेगा.
गौरतलब है टीटीई की परीक्षा में तीन बार फेल होने के बाद नौकरी से निकाले जाने के राज्य सरकार के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी .इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य कोर्ट के यह आदेश दिया है. शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को यह फैसला किया कि तीन बार दक्षता परीक्षा फेल शिक्षक सेवा में बने रहेंगे. जिन शिक्षकों को सेवा मुक्त किया जा चुका है उन्हें दोबारा सेवा में वापस लिया जाएगा.शिक्षा विभाग के विशेष सचिव विनोद कुमार सिंह ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि सेवा से हटाई गई अवधि की गणना ‘नो वर्क नो पे’ के रूप में की जाएगी. इस अवधि के वेतन भुगतान का दावा कोई शिक्षक नहीं कर सकेगा. जो शिक्षक अभी हटाए नहीं गए हैं और सेवा में बने हुए हैं वे अगले आदेश तक सेवा में बने रहेंगे.
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