सिटी पोस्ट लाइव : गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र छकरबंधा थाना क्षेत्र के भाकपा माओवादी के सक्रिय सब जोनल कमांडर संजय सिंह भोक्ता उर्फ राकेश ने गया सीआरपीएफ 159 बटालियन मुख्यालय में आज आत्मसमर्पण किया। भाकपा माओवादी के सक्रिय सब जोनल कमाण्डर संजय सिंह भोक्ता उर्फ राकेश, उम्र 30 वर्ष, पिता-स्व0 सुलोचन सिंह भोक्ता, गाम-छकरबंधा थाना, छकरबंधा जिला-गया बिहार के रहने वाले है। सीआरपीएफ 159 बटालियन मुख्यालय में हेमन्त प्रियदर्शी, पुलिस महानिरीक्षक, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल बिहार सेक्टर पटना, अमित लोढ़ा, पुलिस महानिरीक्षक, मगध क्षेत्र गया, संजय कुमार, पुलिस उपमहानिरीक्षक, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, रेंज पटना,आदित्य कुमार, वरीय पुलिस अधीक्षक गया, निशीत कुमार,कमाण्डेंट 159 बटालियन केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल गया, दिलीप कुमार श्रीवास्तव, कमाण्डेन्ट, 205 कोबरा, यादराम बुनकर, कमाण्डेंट 47 बटालियन केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल औरंगाबाद, के समक्ष आज सक्रिय नक्सली सब जोनल कमांडर संजय सिंह भोक्ता उर्फ राकेश ने आत्मसमर्पण किया।
सबजोनल कमांडर संजय सिंह भोक्ता उर्फ राकेश के उपर गया एवं औरंगाबाद जिले में कुल 05 नक्सल संबंधित मामले दर्ज है। जिसमें वर्ष 2018 में आमस थाना काण्ड संख्या- 266/18 आमस चौकीदार राजेश्वर पासवान, ग्राम- रंगनिया की नक्सलियों द्वारा हत्या का मामला दर्ज है। डुमरिया थाना कांड सं0-55/18, 205 कोबरा बटालियन की परिचालनिक टुकड़ी के साथ अभियान के दौरान महजरी, थाना- डुमरिया, गया में नक्सलियों के साथ भीषण मुठभेड में शामिल था। रौशनगंज थाना कांड सं0-170/18, तहत उपेन्द्र सांव को पुलिस मुखबीर बताकर हत्या करने की घटना मे भी शामिल था। वर्ष 2019 में लुटुआ थाना में भी मामला दर्ज है। पंचरूखिया, थाना-मदनपुर, जिला-औरंगाबाद के जंगली क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी ब्लास्ट में 205 कोबरा जवान रोशन लाल शहीद हुए थे।
इसकेअतिरिक्त थाना-देव में काण्ड संख्या 95/19 तहत नामजद अभियुक्त है। छकरबन्धा के जंगली क्षेत्र में सतनदिया नाला के पास 205 कोबरा बटालियन के साथ नक्सली मुठभेड में भी शामिल था, जिसमें भाकपा माओवादी बडा व्यास (जोनल कमाण्डर) के साथ 02 हार्डकोर नक्सल को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था एवं भारी मात्रा में 07 आधुनिक हथियार बरामद किया गया था। इस मौके पर हेमंत प्रियदर्शी पुलिस महानिरीक्षक सीआरपीएफ बिहार सेक्टर ने बताया कि जो मेरी संक्षिप्त बात हुई थी उनका यह कहना है कि जो दीवासपना दिखाए गए थे कि इनकी समस्याओं का निकारण हो जाएगा इनकी जिंदगी बेहतर हो जाएगी, लेकिन इतने समय तक इंतजार किए फिर भी कुछ सही नहीं हुआ तब इन्होंने यह निर्णय लिया कि अब हमें लौट चलना चाहिए. परिवार के साथ सुरक्षित निश्चित जिंदगी जीनी चाहिए।
यह सब सोचकर के संजय सिंह भोक्ता उर्फ राकेश ने आत्मसमर्पण किया गया हैं। आत्मसमर्पण के साथ ही इनको बिहार सरकार के द्वारा जो आत्मसमर्पण रे एबिलिटी के पॉलिसी है उनके तहत जो भी समर्थन होगा वह दिया जाएगा। इनके खिलाफ जो लंबित मुकदमे है उसके संबंध में जो कानून का काम है जो कानून का शेष प्रक्रिया है निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करने के लिए उसके पालना होगी. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली संगठन के सब जोनल कमांडर ने बताया कि मुझे जमीन से जुडा मामले पर मुझे प्रलोभ लालच देकर के ले जाया गया था, मुझसे कहा गया था कि चलो से हम तुम्हारा घर बना देंगे जमीन का फैसला कर देंगे। यह सब लालच देकर मुझे अपनी टीम में शामिल किया गया और उन लोग के साथ हम चले गए। कुछ दिनों के बाद हमें जो कह कर यहां लाया गया था उस पर कुछ नहीं किया गया और फिर बाद में हम सोचे कि यहां हम फंसा चुके है। यही सब बात सोच कर हम वहाँ से बाद वहां से भाग निकले और फिर फोन से बात करके कल आए और फिर आत्मसमर्पण कर दिए हैं।
गया से जीतेन्द्र कुमार की रिपोर्ट