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मनु महाराज की आँखवाली जादुई कुर्सी के नाम से गीली होने लगी हैं थानेदारों की पतलून

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इस कुर्सी पर बैठते ही ये पता चल जाएगा कि कौन थानेदार ठूंस ठूंस कर खाना खाकर दफ्तर की टेबल पर पैर फैला कर सो रहा है.कौन थानेदार थाने में कुर्सी पर बैठकर आराम से पान पगुर रहा है .कौन थानेदार कब और कितनी देर थाने में बैठा ? किससे मिला और कैसा बर्ताव किया ? थाने में कौन आ रहा है और कौन जा रहा है ? और कौन थानेदार क्षेत्र में क्या गुल खिला रहा है ?अब सब पर रहेगी 24 घंटे एसएसपी की नजर .

सिटी पोस्ट लाईव : अब पटना एसएसपी मनु महाराज के दफ्तर में एक खास कुर्सी लगी है .इस कुर्सी पर बैठते ही ये पता चल जाएगा कि कौन थानेदार ठूंस ठूंस कर खाना खाकर दफ्तर की टेबल पर पैर फैला कर सो रहा है.कौन थानेदार थाने में कुर्सी पर बैठकर आराम से पान पगुर रहा है .कौन थानेदार कब और कितनी देर थाने में बैठा ? किससे मिला और कैसा बर्ताव किया ? थाने में कौन आ रहा है और कौन जा रहा है ? और कौन थानेदार क्षेत्र में क्या गुल खिला रहा है .एसएसपी दफ्तर की ये कुर्सी कोई जादुई कुर्सी नहीं है.दरअसल इस कुर्सी के सामने कई कैमरे और कई टीवी स्क्रीन लगे हुए हैं. ये सभी कैमरे इन्टरनेट और जुड़े हुए हैं.इन कमरों की आँखों से ही मनु महाराज अपने दफ्तर में बैठे बैठे पटना जिले के सभी 78 थानों पर नजर रखेगें .

मनु महाराज यहाँ बैठे बैठे अपने थानेदारों के केवल खेल तमाशे देखेगें नहीं बल्कि इन्हीं कैमरों के जरिये दफ्तर में बैठे फटकार लगा सकते हैं. थानेदार थाने में हो या फिर क्षेत्र में एसएसपी मनु महाराज स्टैटिक आईपी के जरिये एक साथ सभी थानेदारों पर नजर रख सकते हैं,उन्हें निर्देश दे सकते हैं.वो कहाँ मौजूद है उसकी तस्वीर कैमरे के जरिये देख सकते हैं और जीपीएस सिस्टम के जरिये इनका सही लोकेशन पता कर सकते है.मनु महाराज तो बहुत खुश हैं कि अब दफ्तर में बैठे बैठे सभी थानों पर नजर रख पायेगें .पहले की तरह उन्हें थाने थाने भटकना नहीं पड़ेगा .अब दफ्तर से ही किसी भी एसएसपी मनु महाराज आनलाइन थानेदारों से जुड़ सकते हैं. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उनसे  मुखातिब हो सकते हैं. अपने द्वारा  दिए गए किसी भी टास्क को लेकर की गई कार्रवाई के बारे में आमने—सामने होकर जानकारी मांग सकते हैं.

मनु महाराज की तो बल्ले बल्ले है .लेकिन थानेदारों की साँसे फुल रही हैं.एक थानेदार अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कारण बताते हुए कहता है-“ साहब के सामने जाने के नाम से हेई पसीना छूटने लगता है,धड़कनें तेज हो जाती हैं और अगर दांत दिया तो पतलून गीली हो जाने का भय सताता रहता है.अगर हर समय उनकी नजर हमारे ऊपर हो गई तो काम करना बेहद मुश्किल हो जाएगा “.

राजधानी पटना के एक महत्वपूर्ण थाणे का थानेदार कहता है –“एसएसपी हमारे लिए भगवन के बराबर होते हैं.वो चाहे हमसे कितना भी अच्छा व्यवहार क्यों न  करें ,उनके सामने जाने से हर थानेदार डरता है.क्राइम मीटिंग में तो मजबूरी में सामने जाना ही पड़ता है लेकिन अगर हल पल हमारे ऊपर उनकी नजर रहने लगी तो वाकई हम काम नहीं कर पायेगें.हर समय यहीं डर सताता रहेगा कि कोई गड़बड़ तस्वीर तो साहब के सामने नहीं जा रही .थाने में तो लपड थप्पड़ भी करना ही पड़ता है .अब तो उसके लिए भी थाने से बाहर ही जाना पड़ेगा “. थानेदारों का ये डर स्वाभाविक है. थानेदार व्यवहारिक जीवन में इअतानी गलतियाँ करता है कि उसका एक पैर हमेशा थाने में तो दूसरा पैर जेल में होता है. मतलब एसएसपी साहब जब चाहें उन्हें अनादर भेंज सकते हैं.

लेकिन आम जनता को तो यह व्यवस्था बहुत पसंद आ रही है.उनका कहना है कि अब हम ठाणे में जायेगें तो कम से कम ये डर तो नहीं रहेगा कि थानेदार अभद्र व्यवहार करेगा.गाली-गलौज करेगा .अब तो हमें इस बात से बहुत बल मिलेगा कि हर समय हमारे साथ थाने में भी एसएसपी मौजूद हैं.लोगों को मनु महाराज की कार्य कुशलता और ईमानदारी पर पटना के लोगों को नाज है .उनका मानना है कि थानेदारों के चयन में उन्हें पूरी छूट नहीं मिलने के कारण वो अपनी तमाम कोशिशों के वावजूद पटना को पूरी तरह अपराधमुक्त नहीं कर पा रहे हैं.ये तो पटना की जनता का मानना है.सच्चाई तो एसएसपी साहब ही बता पायेगें .

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