सिटी पोस्ट लाइव :बिहार सरकार बालू के अवैध खनन के मामले में तीन दर्जन से ज्यादा अधिकारियों के खिलाफ कारवाई करने के बाद अब बालू के अवैध खनन को रोकने के लिए विशेष तैयारी की है. बालू के अवैध उत्खनन (Bihar Sand Smuggling) में माफिया और सफेदपोश लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है. सूत्रों के अनुसार बालू के अवैध खनन में कई हाई प्रोफाइल लोगों के अलावा समाजसेवी और नेता भी शामिल हैं. पटना में बालू के अवैध कारोबार (Illegal Sand Mining) से जुड़े 10 संदिग्ध लोगों की कुंडली खंगाली गई है.सरकार के निर्देश पर राज्य पुलिस मुख्यालय द्वारा सेंट्रल रेंज के आईजी को जांच का जिम्मा सौंपा गया था.
पुलिस सूत्रों की मानें तो 10 संदिग्ध लोगों की रिपोर्ट तैयार कर विभिन्न माध्यमों से आर्थिक अपराध इकाई को भेज दिया गया है.यह रिपोर्ट तत्कालीन आईजी संजय सिंह और एसएसपी उपेंद्र शर्मा के कार्यकाल में ही तैयार कर ली गई थी. जांच रिपोर्ट में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं उन सभी पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 के तहत कार्रवाई की अनुशंसा की गई है. इन संदिग्धों की जांच के लिए कुल 5 टीमों का गठन किया गया था. इनमें से तीन टीमों का नेतृत्व दानापुर एसएसपी जबकि दो टीमों का नेतृत्व पालीगंज एएसपी को सौंपा गया था. टीम में इंस्पेक्टर से लेकर दारोगा रैंक तक के पुलिस अफसर भी शामिल किए गए थे.
जांच की जद में आए लोगों में से 10 लोग बालू खनन कंपनी से जुड़े हैं जबकि कुछ लोग का चुनाव भी लड़ चुके हैं. जिन्होंने चुनाव लड़ा है उन्हें उनका खर्च का ब्यौरा भी जांच के दायरे में आया है. जिन 10 लोगों की जांच की गई है उनमें से आधा दर्जन लोग सरकारी बॉडीगार्ड की सुविधा भी ले रहे हैं.. प्रिवेंशन मनी लॉन्ड्री एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू होने के पहले ही इन सभी के बॉडीगार्ड हटाए जाएंगे, इसके लिए बिहार पुलिस स्पेशल ब्रांच की सुरक्षा समिति की रिपोर्ट भी मांगी गई है.इनमें से कितने लोगों ने शुल्क देकर अंगरक्षक अपने लिए मुहैया कराया है और कितने लोगों को मुफ्त में सेवा मिल रही है, इस बात की भी जांच की जानी है.