सिटी पोस्ट लाइव, रांची: मनी लॉउंन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा को गुरुवार को ईडी की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 24 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में होटवार जेल भेज दिया गया। जेल भेजे जाने से पूर्व आरोपित का रिम्स में कोविड-19 की जांच हुई। उल्लेखनीय है कि ईडी ने मनी लाउंड्रिंग मामले के आरोपी बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा को कोलकाता से बुधवार को गिरफ्तार किया था। वह दो साल से फरार चल रहा था।आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद ईडी ट्रांजिट रिमांड पर लेकर उसे रांची पहुंची थी।
क्या है पूरा मामला
ईडी ने 12 दिसंबर 2018 को 2.79 करोड़ की मनी लाउंड्रिंग के आरोप में सिन्हा पर चार्जशीट दाखिल की थी। ईडी ने उसके स्थाई एवं अस्थाई ठिकानों पर छापामारी कर चुकी है। साथ ही उसके परिजनों के नाम की संपत्ति को भी अपने कब्जे में पूर्व में ही ले लिया है। सिन्हा ने खूंटी जिला परिषद में पदस्थापित रहते हुए करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित की थी। ईडी सिन्हा के परिजनों के नाम खरीदी गयी तीन करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त कर चुकी है।
उल्लेखनीय है कि करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी व फर्जीवाड़ा के आरोपी इंजीनियर की पत्नी बेटा और बेटी अभी भी फरार हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच में भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ आरोप सही पाया गया था। यह मामला 2006 से 2010 के बीच का है। इन पर खूंटी जिला परिषद के मनरेगा योजना से जुड़े 18 करोड़ 76 लाख 144 रुपये के धोखाधड़ी का आरोप है। एसीबी की जांच में इसकी पुष्टि हुई थी। इंजीनियर गिरफ्तारी के बाद जेल गए थे। वर्तमान में वे जमानत पर हैं। भ्रष्टाचार में उनकी पत्नी शीला कुमारी, पुत्री पूजा सिन्हा व पुत्र राहुल कुमार ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। पत्नी शीला कुमारी के पास जांच में 91 लाख 99 हजार, पुत्री पूजा सिन्हा के पास से 35 लाख व पुत्र राहुल कुमार के पास जांच में 60 लाख का फ्लैट नोएडा में है। जांच में पता चला था कि तीनों का निजी आय का कोई स्रोत नहीं है।