सिटीपोस्टलाईव: सासाराम अनुमंडल के कार्यपालक दंडाधिकारी सह वरीय उप समाहर्ता गयन कुमार राम को गुरुवार को निगरानी टीम ने 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ धर दबोचा. तीन बीघा जमीन पर से निरोधात्मक कार्रवाई हटाने के लिए वो रिश्वत लेते अपने कार्यालय कक्ष में पकडे गए. उन्हें तुरत गिरफ्तार कर लिया गया. वे करगहर थाना क्षेत्र के गर्भे निवासी शकुंतला देवी से पैसे ले रहे थे. निगरानी डीएसपी विमलेंद्र प्रसाद वर्मा के नेतृत्व में आई नौ सदस्यीय टीम प्रारंभिक जांच के बाद उन्हें अपने साथ पटना ले गई.गयन राम रिश्वतखोरी के लिए जिले में चर्चित थे. चाहे वह मामला धारा 144 व 145 हो या फिर 107 का,बिना नजराना लिए कुछ नहीं करते थे. न्याय देने में उनकी कलम बगैर चढ़ावा चढ़ाए नहीं चलती थी. निगरानी डीएसपी के अनुसार कार्यपालक दंडाधिकारी सह वरीय उप समाहर्ता गयन कुमार राम द्वारा गर्भे गांव निवासी उपेंद्र सिंह की पत्नी उर्मिला देवी से रेहन पर लिए गए तीन बीघे जमीन पर से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई को हटाने के लिए आदेश पारित करने के नाम पर 10 हजार रुपये रिश्वत ले रहे थे. जिसकी शिकायत पूर्व में उर्मिला देवी द्वारा विजिलेस को की गई थी.
विजिलेंस टीम ने यहां पूर्व में आकर जांच भी की. शिकायत की सत्यता परखने के बाद बाद आज उन्हें केमिकल लगे रुपये लेते गिरफ्तार कर लिया. उर्मिला ने गांव के ही धनंजय सिंह से एक लाख 22 हजार रुपये में तीन बीघा जमीन रेहन पर ली थी. लेकिन उक्त जमीन पर निरोधात्मक कार्रवाई होने के कारण उसपर इस वर्ष खेती नहीं कर पाती. कार्यपालक दंडाधिकारी के न्यायालय में मामला लंबित होने के कारण वह गयन राम से संपर्क की. जहां वे पक्ष में फैसला करने के लिए 10 हजार रुपये की मांग रहे थे.उसने इस बात की शिकायत विजिलेंस में दर्ज कराई. रिश्वत की राशि देने के लिए वे कार्यालय में गुरुवार का समय तय किया गया.वह दोपहर में जैसे ही पैसा कार्यपालक दंडाधिकारी के हाथ में दिया, वैसे ही पहले से चौकस टीम ने उसे धर दबोचा. पूछताछ के लिए उन्हें परिसदन ले जाया गया. टीम में इंस्पेक्टर सुधीर कुमार, अरुण पासवान, सब इंस्पेक्टर राघव प्रसाद सिंह, एएसआइ श्रवण कुमार, बची देवी, राम प्रताप सिंह, सुजीत कुमार व अमृतांशु कुमार समेत अन्य शामिल थे.
रोहतास से विकाश चन्दन की रिपोर्ट