सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के बीच पश्चिम चंपारण जिले के इस थाने में कोई FIR करवा सकता है. आप कहेगें ये कौन नई बात है भई. खास इसलिए है कि यहाँ FIR दर्ज करने का फिक्स रेट तय है. जो ये फिक्स रेट देता है, उसी का FIR दर्ज होता है. यहाँ का थानेदार बिहार पुलिस मैन्युअल के हिसाब से नहीं बल्कि अपने बनाए कानून के हिसाब से काम करता है. ये थाना है पश्चिम चंपारण जिले का शिकारपुर थाना. खबर के अनुसार कुछ लोगों ने एक किसान की सब्जी की फसल और फुश की घर को तहस-नहस कर दिया. वह थाना में इसकी शिकायत करने पहुंचा तो पुलिसवालों ने कहा कि 10 हजार रुपये दो नहीं तो एफआईआर नहीं होगी.
FIR लिखे जाने के लिए पुलिस द्वारा दस हजार मांगे जाने का विडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में पीड़ित शख्स यह कहता हुआ सुनाई दे रहा है कि घटना की शिकायत करने पर पुलिसवालों ने उससे 10 हजार रुपये मांगे. थाने में पुलिसकर्मी ने उससे कहा कि एफआईआर करना है तो 10 हजार दो, ई बनिया का दुकान नहीं है. ऐसे ही एफआईआर करने चले आये.
इस मामले से जुड़े हुए और भी कई वीडियो सामने आये हैं. जिसमें में थाने के अंदर मुंशी वॉरलेस ऑपरेटर माधव, एसआई श्याम बहादुर ठाकुर और थाना प्रभारी केके गुप्ता नजर आ रहे हैं. साथ ही पीड़ित पक्ष के आवेदन पर एफआईआर करने के लिए पीड़ित से पैसे की मांग की जा रही है. इसमें पीड़ित पक्ष के आवेदन पर एफआईआर करने के लिए पीड़ित से पैसे की मांग की जा रही है. शिकारपुर थाने के मुंशी वॉरलेस ऑपरेटर माधव साफ-साफ बोलते नजर आ रहे हैं कि अगर एफआईआर करना है, तो बड़े बाबू को खर्चा देना होगा. बिना खर्च किए कोई काम नहीं हो सकता. वहीं, वीडियो में पीड़ित बोल रहा है कि लॉकडाउन है, पैसा नहीं है, एक तो हमारा नुकसान हुआ है. ऊपर से पैसे कहां से दें. तब मुंशी माधव जवाब देते हैं कि पैसा तो खर्च करना ही पड़ेगा. एफआईआर ऐसे नहीं होता है.
इस मामले में पीड़ित का कहना है कि जब उसने 5 हजार रुपये किसी से कर्ज देकर थाने में दिया, तब उसकी शिकायत दर्ज की गई. लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक आगे की कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. बदमाशों ने उसके सफल को बर्बाद कर दिया है. उन्होंने फुश के घर को जला दिया है. उसकी सब्जियां बर्बाद कर दी गई हैं. फिर भी दोषियों के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.सिटी पोस्ट लाइव इस विडियो की सत्ययता की पुष्टि नहीं करता है.जांच के बाद ही सच सामने आएगा.