राकेश अस्थाना पर तीन करोड़ घूस लेने का केस दर्ज
सिटी पोस्ट लाइव, रांची : करीब 950 करोड़ रुपए के चारा घोटाले की जांच करने वाले सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर रांची के राकेश अस्थाना पर सीबीआई ने ही केस दर्ज किया है। आरोप है कि मीट एक्सपोर्टर मोइन कुरैशी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के केस में एक कारोबारी को क्लीन चिट देने के लिए उन्होंने सवा तीन करोड़ रुपए से ज्यादा की रिश्वत ली। एफआईआर 15 अक्टूबर को दर्ज की गई थी। अस्थाना ने भी इसी केस में सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा पर दो करोड़ घूस लेने का आरोप लगाकर 24 अगस्त को कैबिनेट सेक्रेटरी को शिकायत की थी। सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बताया कि हैदराबाद के सतीश बाबू सना की शिकायत पर अस्थाना, सीबीआई एसआईटी के डीएसपी देवेंद्र कुमार, मनोज प्रसाद, सोमेश्वर प्रसाद पर केस दर्ज किया गया है। मोइन कुरैशी केस में हैदराबाद का सतीश बाबू सना भी 50 लाख रुपए के ट्रांजेक्शन के लिए जांच के घेरे में था। एसआईटी ने कई बार उसे पूछताछ के लिए भी बुलाया था। सीबीआई डायरेक्टर को भेजी शिकायत में उसने आरोप लगाया कि क्लीन चिट देने के एवज में अस्थाना की ओर से पांच करोड़ की मांग की गई है। तीन करोड़ एडवांस और दो करोड़ बाद में देने थे। अस्थाना के कहने पर अलग-अलग मौकों पर करीब 3.31 करोड़ रुपए मनोज प्रसाद और उसके भाई सोमेश प्रसाद को दिए। सीबीआई ने बिचौलिए मनोज को 16 अक्टूबर को दुबई से लौटते ही गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई ने कहा कि उसने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत 4 और 20 अक्टूबर को दो बार सना के बयान दर्ज करवाए थे। इनमें अस्थाना और अन्य के खिलाफ आरोपों की पुष्टि होती है। गुजरात कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी अस्थाना सीबीआई की एसआईटी का नेतृत्व करते हैं। अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला, विजय माल्या की धोखाधड़ी जैसे मामलों की जांच इसी एसआईटी के पास है। इसके अलावा लालू प्रसाद, पी चिदंबरम, कार्ति चिदंबरम जैसे हाई प्रोफाइल नेताओं के मामलों की जांच भी यही एसआईटी देख रही है।
आरोप है कि दिसंबर 2017 से अक्टूबर 2018 के बीच में कम से कम पांच बार रिश्वत की रकम ली गई। उल्लेखनीय है कि मोइन कुरैशी केस की जांच अस्थाना के नेतृत्व में एसआईटी कर रही है। सीबीआई में डायरेक्टर आलोक वर्मा के बाद अस्थाना ही दूसरे सबसे बड़े अधिकारी हैं। गुजरात कैडर के आईपीएस अफसर राकेश अस्थाना लंबे समय तक रांची सीबीआई में डीआईजी पद पर रह चुके हैं। 1996 में हुए 950 करोड़ रुपए के चारा घोटाले की जांच में उनकी अहम भूमिका रही। रांची के बरियातू हाउसिंग कॉलोनी निवासी राकेश अस्थाना सीबीआई के धनबाद एसपी बनकर गुजरात से झारखंड आए। चारा घोटाले की जांच जब शुरू हुई, तब उन्हें डीआईजी के पद पर प्रोन्नत करते हुए रांची भेज दिया गया। उस समय यूएन विश्वास सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर थे। विश्वास और अस्थाना के सुपरविजन में ही चारा घोटाले की जांच हुई। इसके बाद अस्थाना गुजरात चले गए। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नेतरहाट आवासीय विद्यालय में हुई। अपने खिलाप एफआईआर दर्ज होने के चार दिन बाद यानी 19 अक्टूबर को भी अस्ताना ने सीवीसी को पत्र लिखकर कहा ता कि वह सना को गिरफ्तार कर पूछताछ करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि इस बारे में 20 सितंबर को सीबीआई निदेशक को भी लिखा गया था। उन्होंने चार दिन तक फाइल रोके रखी और फिर 24 को इसे डायरेक्टर ऑफ प्रॉसीक्यूशन को भेजकर सभी सबूत मांगे। आईआरसीटीसी मामले में फंसे लालू यादव के परिवार के केस में भी अस्थाना ने आलोक वर्मा पर दखल देने का आरोप लगाया था।