नजराना नहीं दिया तो पुलिसवालों ने की गुंडागर्दी, दलित को पिट-पिट कर निकाला कच्चूमर
सिटी पोस्ट लाइव : नजराना नहीं दिया तो पुलिसवालों ने की गुंडागर्दी, दलित को पिट-पिट कर निकाला कच्चूमर .ये घटना बेगूसराय जिले की है जहाँ खाकीवर्दी वालों की गुंडागर्दी ने लोगों में खौफ पैदा कर दिया है.ईन बर्दीधारी गुंडों का कहर एक गरीब दलित पर बरपा है. बेगूसराय जिले के बलिया थाना में कार्यरत 3 टाइगर मोबाईल के जवानों ने मजदूरों पर अपानी ताकत का इस तरह से बेजा इस्तेमाल किया है कि उसे सुनकर आपकी रूह काँप जायेगी.सिटीपोस्ट संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार भगतपुर गांव के दलित मजदूर इंदल पासवान काम के बाद, बलिया बाजार में सब्जी खरीद रहा था.इंदल मैजिक का ड्राईवर है.पुलिस वाले उससे नजराना चाहते थे .नजराना वसूलने थाना के टाइगर मोबाईल के तीन जवान आये .उसके साथ गाली-गलौज करने लगे.जब इंदल ने कुछ भी नहीं बोला तो उनका गुस्सा और भड़क गया.शुरू कर दी उसकी पिटाई.लात घूसा लीक बौछार कर दी.बन्दूक के बट से उसका पूरा शरीर थूर दिया. खाकीवर्दी वालों की गुंडागर्दी,दलित को कुता बना दिया ,पिट पिट कर निकाला कच्चूमर –
जानकारी के अनुसार, पीड़ित पिंगल पासवान मैजिक वैन का ड्राइवर है और बलिया थाना क्षेत्र के ही भगतपुर गांव का रहने वाला है. शनिवार रात जब वह अपने काम से घर लौट रहा था, इसी दौरान टाइगर मोबाइल के जवानों ने उसे रोक लिया और पैसे की मांग करने लगे. जब उसने पैसे देनें से इनकार किया तो पुलिस के तीनों जवानों ने उसे पीटना शुरू कर दिया.
नजराना नहीं दिया तो पुलिसवालों ने की गुंडागर्दी, दलित को पिट-पिट कर निकाला कच्चूमर.एक गरीब निसहाय दलित को कुता बना दिया ,पिट पिट कर उसका कच्चूमर निकाल दिया.इंदल पासवान मार खाता रहा .लोग तमाशबीन बने रहे.इस भय से कि कहीं उनके ऊपर हमला ना हो जाए.खाकी वर्दीवालों ने इन्दर पासवान को पिटा लेकिन दहशतजदा हो गया पूरा ईलाका.इतना से भी उनका जी नहीं भरा .उसे थाणे उठा ले गए जवान .घटना की सूचना जंगल की आग की तरह फ़ैल गई .सैकड़ों मज्दूर ताने पहुँच गए.थाणे के बाहर हंगामा शुरू कर दिया .पुलिसवालों को थक हारकर घायल पासवान को ईलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराना पड़ा .घायल इन्दर का ईलाज चल रहा है.घायल इन्दर अपने मजदूर साथियों का शुक्रिया कर रहा है जिनके थाणे पर नहीं आने पर पुलिसवाले उसकी जान भी ले सकते थे.एक तरफ दलितों के अधिकार को लेकर
देश भर में आन्दोलन आन्दोलन चल रहा है.लेकिन उस कानून के पालन जिन पुलिसवालों को कराना है ,वहीँ दलितों की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गए हैं.इस तरफ न तो सरकार का ध्यान जा रहा है और ना ही दलितों के अधिकार की लड़ाई लड़ने का दंभ करनेवाले नेताओं को फुर्सत है ,इंदल पासवान जैसे दलितों के ऊपर ढाए जानेवाले जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने के लिए . खाकीवर्दी वालों की गुंडागर्दी,दलित को कुता बना दिया ,पिट पिट कच्चूमर कर निकाल दिया ,लेकिन कोई नेता उसका हालचाल लेने नहीं पहुंचा.