सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के बेतिया और गोपालगंज जहरीली शराब पीने से दो दर्जन लोगों की मौत हो गई है. कई बीमार अस्पतालों में भर्ती हैं जिनकी स्थिति नाजुक है. बताया जा रहा है कि यहां मिथाइल अल्कोहल युक्त शराब से जहरीले जामों को तैयार किया गया था. मुजफ्फरपुर के गन्नीपुर स्थित क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल) के वैज्ञानिक ने बेतिया और गोपालगंज पहुंचकर जांच की. जहां से लोगों ने शराब पी थी, वहां से सैंपल जमा कर पुलिस को सौंपे हैं.
अब पुलिस कोर्ट की अनुमति से सैंपल को मुजफ्फरपुर स्थित आरएफएसएल जांच के लिए भेजेगी. प्रारंभिक छानबीन में बताया गया है कि मिथाइल अल्कोहल युक्त शराब पीने से लोगों की जान गई है. बीते गुरुवार को बेतिया के नौतन में जहरीली शराब से 16 लोगों ने दम तोड़ दिया था. वहीं, एक दर्जन से अधिक लोग मोतिहारी और गोपालगंज के विभिन्न निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. पुलिस उनकी टोह लेने में जुटी है.
बता दें जहरीली शराब कांड के बाद गोपालगंज जिले के महम्मदपुर के एसएचओ शशिरंजन कुमार को एसपी आनंद कुमार ने निलंबित कर दिया है. इसके अलावा महम्मदपुर के चौकीदार को भी निलंबित किया गया है. वहीं जहरीली शराब पीने से हुई मौत मामले में पुलिस ने तीन घरों को सील किया है. गोपालगंज के महम्मदपुर शराबकांड में तीन सहित जिलेभर में शराब के धंधे से जुड़े 16 अन्य लोगों को गुरुवार की रात गिरफ्तार किया गया. छह वाहन भी जब्त किए गए. मामले में अलग-अलग थानों में दस एफआईआर दर्ज की गई है.
वहीं जहरीली शराब मामले की जांच करने के लिए पटना से एक जांच टीम गोपालगंज पहुंची. इसके बाद महम्मदपुर थाने की पुलिस व स्थानीय चौकीदारों से अलग-अलग पूछताछ की. बताया जा रहा है कि शराब तस्करी से जुड़े लोगों के बारे में जानकारी जुटाने व पुलिस कर्मियों की मिली भगत के बारे में भी साक्ष्य जुटाया जा रहा है.
गौरतलब है कि अब शराब से मौत को लेकर सीएम नीतीश एक्शन में आ गए हैं. सीएम नीतीश ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह अपने स्तर पर समीक्षा बैठक कर दोषियों की पहचान कर कठोर से कठोर कार्रवाई करें. साथ ही सीएम ने मद्य निषेध विभाग और पुलिस मुख्यालय को भी हर दूसरे दिन बैठक कर समीक्षा करने को कहा है. नीतीश कुमार गोपालगंज में हुई जहरीली शराब कांड से बेहद नाराज़ हैं. उन्होंने पटना में अपने सरकारी आवास एक आने मार्ग में आनन फ़ानन में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और आला अधिकारियों व विभागीय मंत्री को साफ-साफ कह दिया कि अब लापरवाही किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मतलब किसी तरह की कोताही हुई तो अधिकारी भी नप सकते हैं.