दाती महाराज की गिरफ्तारी के लिए साक्ष्य तलाश रही है दिल्ली पुलिस
इसलिए पुलिस की गिरफ़्त से बाहर हैं दाती महाराज के खिलाफ अभीतक नहीं मिले हैं ठोस सबूत
सिटी पोस्ट लाईव के लिए दिल्ली से अभिषेक कुमार की विशेष रिपोर्ट : “तुम बाबा की हो और बाबा तुम्हारे. तुम कोई नया काम नहीं कर रही हो. सब करते आए हैं. कल हमारी बारी थी. आज तुम्हारी बारी है. कल ना जाने किसकी होगी. बाबा समन्दर हैं हम सब उसकी मछलियां हैं. इसे कर्ज़ समझ कर चुका लो.” जी हाँ इसी तर्ज पर दाती महाराज के आश्रम में लड़कियों का सबसे पहले ब्रेनवाश किया जाता है.उन्हें ऐसे सांचे में ढाला जाता है कि कभी दाती महाराज को ना न कह सकें .दाती महाराज के आश्रम की एक शिष्य ने यह खुलासा किया है.उसके अनुसार बहला-फुलसाकर दाती महाराज अपने आश्रम की लड़कियों के साथ बारबार रेप करता है.दिल्ली की 25 साल की एक लड़की ने अपने साथ 2016 में इसी तरह से कईबार रेप किये जाने का आरोप लगाया है.
दाती महाराज पर रेप के आरोप लगाते हुए पीड़िता ने तीन पेज का शिकायत पत्र दिल्ली पुलिस को लिखा है.रेप के आरोपों पर सफाई देने के लिए दाती महाराज तामाम मीडिया चैनल से बात कर रहे हैं और अपने पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं.दाती महाराज दिल्ली के फतेहपुर बेरी में मशहूर शनिधाम मंदिर के संस्थापक हैं. वो खुद को शनि देव का उपासक बताते हैं. देश में उनकी गिनती हाइप्रोफाइल बाबाओं में होती हैं.पीड़िता की वकील प्रदीप तिवारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने उनकी शिकायत काफी इंतज़ार के बार स्वीकार की और चार दिन बाद 10 जून को एफआईआर दर्ज की. एफआईआर में धारा 376, 377, 354 और 34 का ज़िक्र है.
दिल्ली के फतेहपुर बेरी पुलिस के पास ये मामला था, जिसे बाद में क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है. फ़िलहाल दिल्ली क्राइम ब्रांच इस मामले की पड़ताल कर रही है.दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के सामने वो पेश भी हुए. तकरीबन सात घंटे तक उनसे पूछताछ भी चली लेकिन अब तक उनकी गिरफ़्तारी नहीं हुई है.
लेकिन बलात्कार के आरोप के बाद दाती महाराज ने एक खबरिया चैनल से बातचीत में कहा, ”पिता-पुत्री और गुरु-शिष्य के रिश्ते पर आरोप है. मैं नारी शक्ति का पुजारी हूं. मैं बेटियों के लिए काम करता हूं. मैं उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा. वो मेरी बेटी थी, मेरी बेटी है और रहेगी. पुलिस ने मुझे जांच के लिए बुलाया. मैंने अपना पक्ष उनके सामने रखा और आगे भी जांच में सहयोग करूंगा.”
दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव के अनुसार जांच जारी है.पुलिस ने अबतक किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी है. सही समय पर सबूतों के आधार हम आपसे बात करेंगे.” दाती महाराज के ख़िलाफ़ सबूत पर्याप्त होने पर उनकी गिरफ़्तारी होगी. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक रेप होने के कुछ घंटे के भीतर अगर शिकायत दर्ज की जाती है तो सबूत मिलने में न तो देरी होती है न ही मुश्किल.ये मामला जनवरी से मार्च 2016 का है. दो साल से ज़्यादा का वक्त बीत चुका है.एफआई दर्ज होने के बाद पीड़िता का धारा 164 के तहत बयान हो चुका है और मेडिकल जांच कराई जा चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पुलिस को रिपोर्ट लिखने के बाद 24 घंटे के अंदर पीड़िता को मजिस्ट्रेट के सामने बयान के लिए पेश करना होगा. किसी भी देरी का कारण लिखित में देना होगा.पीड़िता के वकील भी इस बात को मानते हैं कि पुलिस ने पीड़िता का बयान दर्ज़ करने में देरी नहीं की लेकिन साथ ही क्राइम ब्रांच पर आरोप भी लगाते हैं कि दाती महाराज की गिरफ़्तारी में बिना वजह देरी कर रही है.
पुलिस का कहना है कि किसी भी रेप मामले में तीन तरह से साक्ष्य के आधार पर पुलिस कार्रवाई करती है.पहला है शारीरिक साक्ष्य- यानी रेप के वक्त ज़ोर ज़बरदस्ती की वजह से शरीर पर कोई निशान हों.दूसरा है बायोलॉजिकल सबूत- यानी रेप पीड़िता के कपड़ों पर वीर्य या फिर कुछ ऐसा मिला हो जो दोष सिद्ध करने में सहायक हो.तीसरा है परिस्थितिजन्य साक्ष्य- यानी जिस जगह पर रेप हुआ हो वहां मौजूद लोग या फिर उस जगह की जानकारी.चूंकि इस पूरे मामले में रेप की रिपोर्ट दर्ज कराने में काफी वक्त बीत गया है तो शारीरिक साक्ष्य और बायोलॉजिकल सबूत मिलना मुश्किल है.दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर काम कर रही है.इसके लिए दाती महाराज को पूछताछ के लिए बुलाया गया था.
पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने कई सवाल तैयार किए थे, जिसके जवाब दाती महाराज से पूछे गए.पुलिक का दावा है कि दाती महाराज इसलिए भी पुलिस गिरफ़्त से बाहर हैं क्योंकि वो जांच में सहयोग कर रहे हैं. अभियुक्त को गिरफ़्तार करने की ज़रूरत होती है जब हिरासत में पूछताछ की ज़रूरत हो.दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक़ उन्हें इसकी कोई ज़रूरत अभी तक महसूस नहीं हुई है.पुलिस आज शुक्रवार को एक बार फिर दाती महाराज से पूछताछ करेगी .इस एंगल से भी पुलिस जांच कर रही है कि कहीं पीड़िता से किसी दबाव में ये बयान तो नहीं दिलाया गया है.
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