राजनीति का अपराधीकरण : बिहार की जनता को अपराधी पसंद हैं लेकिन अपराध नहीं
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में किस हदतक राजनीति का अपराधीकरण हो चूका है, इसका अंदाजा लगाने के लिए बिहार इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स की (ADR ) की एक रिपोर्ट ही काफी है. बिहार के करीब 170 सांसदों और विधायकों के उपर अपराधिक मामले दर्ज .एक विधायक पर बलात्कार का भी आरोप है. बिहार इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स ने बिहार से लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले वर्तमान में सांसदों और विधायकों और उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है, जिन्होनें अपने उपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 39 सांसदों में से 32 सांसदों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं. ऐसे ही बिहार के 241 विधायकों में से 138 विधायकों के उपर आपराधिक मामले दर्ज हैं. 3 विधायकों के उपर महिलाओं के ऊपर अत्याचार के मामले दर्ज हैं. एक विधायक पर बलात्कार का भी मामला दर्ज है.एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के 22 सांसदों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. ऐसे ही 95 विधायकों के उपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
ये रिपोर्ट ये बताने के लिए काफी है कि क्यों देश भर में अपराधिक वारदातें बढ़ रही हैं. जिस देश और राज्य की जनता अपराधियों को अपना नेता चुनने लगे उस राज्य की जनता भला सुशासन की कामना कैसे कर सकती है.यहाँ अपराधी कास्ट हीरो बन गए हैं.जब कानून बनाने वाला ही कानून तोडनेवाला हो तो फिर अपराध पर पुलिस के भरोसे नियन्त्र की उम्मीद भला कैसे कोई कर सकता है.बिहार के दीजेपी श्री गुप्तेश्वर पाण्डेय खुद राजनीति के होते अपराधीकरण को लेकर सवाल उठा चुके हैं.