जुर्माना देकर छूटे डेढ़ लाख शराबी, सिर्फ तीन प्रतिशत को हुई जेल.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में पूर्ण शराबबंदी है.लेकिन फिर भी शराब का अवैध कारोबार जारी है.शराब बेचनेवाले और पीनेवाले पकडे भी जा रहे हैं.लेकिन राज्य में शराबबंदी कानून के तहत पकड़े गए लोग जुरमाना देकर जेल जाने से बच जा रहे हैं.मद्द्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में एक लाख 55 हजार 867 लोगों को शराबबंदी कानून के तहत सजा सुनाई गई.लेकिन एक लाख 51 हजार 591 शराबी जुर्माना देकर रिहा हो गए.जाहिर है 3 फीसदी लोग ही जेल गये.

3622 अभियुक्तों को एक माह कारावास का दंड दिया गया. इसमें दोबारा शराब पीने के अपराध में पकड़े गए लोग भी शामिल थे. शराब के धंधे में शामिल रहे 400 से अधिक अभियुक्तों को एक से दस साल के बीच की सजा सुनाई गई है.पिछले साल अप्रैल में राज्य में शराबबंदी संशोधन कानून के बाद पहली बार शराब पीने वालों को दो से पांच हजार रुपये तक जुर्माना देकर रिहा करने का प्रविधान लागू किया गया.इस कानून का फायदा शराबियों ने जमकर उठाया.

शराब के धंधेबाजों और तस्करों पर सख्ती पहले की तरह कायम रही है. ट्रायल के जरिए एक साल से लेकर आजीवन कारवास की सजा सुनाई जा रही है.शराबबंदी संशोधन कानून के बाद ट्रायल पूरा होने की संख्या तो बढ़ी ही है, सजा मिलने वालों की संख्या में भी कई गुणा की वृद्धि हुई है. विभागीय रिपोर्ट के अनुसार, शराबबंदी लागू होने के बाद अप्रैल, 2016 से 31 दिसंबर 2021 के बीच महज 1686 ट्रायल ही पूरा हो पाया था. इनमें 1062 अभियुक्तों को तीन माह से आजीवन कारावास तक का दंड सुनाया गया था.

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