लापता NMC के एग्जामिनेशन कंट्रोलर का नहीं मिला कोई सुराग.
गांधी सेतु पर लावारिस मिली डॉक्टर संजय कुमार की कार, पत्रकार नगर थाने में अपहरण की शिकायत.
सिटी पोस्ट लाइव : NMCH के एग्जामिनेशन कंट्रोलर और फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट के HOD डॉ. संजय कुमार रहस्यमय तरीके से लापता हैं.उनके मोबाइल की लास्ट लोकेशन गांधी सेतु मिली है. उनकी कार भी लावारिस हालत में गांधी सेतु पर ही पाई गई है. उनका मोबाइल और चश्मा भी कार के अंदर ही रखा हुआ मिला है.इस मामले में लापता डॉ. संजय कुमार की पत्नी प्रोफेसर सलोनी ने गुरुवार को पत्रकार नगर थाने में लिखित शिकायत की है. पुलिस ने IPC की धारा 365 के तहत अपहरण की FIR दर्ज की है. परिजन अपहरण की आशंका जता रहे हैं, फिरौती को लेकर किसी तरह का फोन कॉल नहीं आया है.
प्रोफेसर सलोनी ने बताया है कि उनके पति बुधवार की शाम 7 से 7:30 के बीच कंकड़बाग में डॉक्टर्स कॉलोनी स्थित घर से निकले थे.उन्होंने बताया था कि वो मुजफ्फरपुर जा रहे हैं. वहां किसी कॉलेज में उन्हें इंस्पेक्शन करना है. अपनी गाड़ी (BR01C/7367) से वो निकले थे, लेकिन शाम 7:42 में उनका कॉल आया कि अपनी गाड़ी उन्होंने NMCH के पार्किंग में लगा दी है. वहां से उन्हें दूसरी गाड़ी से जाना था. इसके बाद बताया था कि वो ट्रैफिक जाम में फंस गए हैं.करीब एक घंटे बाद पत्नी ने डॉ. संजय को फिर से उनके मोबाइल नंबर पर बात करने के लिए कॉल किया. उस वक्त उनके पति ने कॉल रिसीव नहीं किया. कई दफा कॉल करने के बाद भी उनके पति ने कॉल रिसीव नहीं किया. तब प्रोफेसर सलोनी ने पति के ऑफिस और उनके डिपार्टमेंट से जुड़े लोगों को कॉल किया. मगर, वहां से भी उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली.
पत्रकार नगर थाना की पुलिस ने जब पड़ताल शुरू की तो उनके मोबाइल का टावर लोकेशन गांधी सेतु मिला. फिर पुलिस को उनकी कार भी गांधी सेतु पर मिली. पुलिस से सूचना मिलने पर घर से कार की दूसरी चाबी लेकर प्रोफेसर सलोनी गांधी सेतु गईं. जब कार को खोला तो डॉक्टर संजय के दोनों मोबाइल और उनका चश्मा अंदर में अपनी जगह पर नहीं मिले, जहां वो रखा करते थे. दोनों मोबाइल कार की डैश बोर्ड तो चश्मा सीट पर रखा हुआ मिला. डॉक्टर संजय कुमार का कोई सुराग नहीं मिला.
पटना सदर की ASP काम्या मिश्रा के अनुसार कंप्लेन मिलने के बाद से ही पुलिस टीम जांच कर रही है. घर से निकलने से लेकर गांधी सेतु तक पहुंचने में लगे कई CCTV कैमरों के फुटेज को खंगाला गया है. कुछ एविडेंस मिले हैं. पुलिस अभी जांच कर ही रही है.उनके कॉल डिटेल्स को भी खंगाला जा रहा है. अभी शुरुआती तौर पर कुछ भी कहना संभव नहीं है. जहां तक रुपयों के लिए अपराधियों द्वारा अपहरण का सवाल है तो इससे जुड़ा अब तक कोई एविडेंस नहीं मिला है और न ही किसी प्रकार का कोई फोन कॉल परिवार को आया है.
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