एनआईए इनामी नक्सली सुनील मांझी को चार दिनों के रिमांड पर लेकर करेगी पूछताछ

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: नक्सली संगठन भाकपा माओवादी पर जांच एजेंसी व सरकार की दबिश बढ़ती जा रही है. एक ओर जहां इनामी नक्सली सुनील मांझी को एनआईए ने अपने गिरफ्त में लेते हुए एनआईए के विशेष अदालत ने प्रस्तुत किया और चार दिनों के रिमांड पर ले लिया है. वहीं दूसरी ओर एक करोड़ के इनामी नक्सली पतिराम उर्फ अनल व अजय महतो समेत 7 नक्सलियों पर अभियोजन चलाने की स्वीकृति भी राज्य सरकार ने दे दी है. सुनील मांझी भाकपा माओवादी झारखण्ड बिहार स्पेशल एरिया कमिटी का सदस्य है और पारसनाथ के इलाके में काफी सक्रिय रहा था. मार्च 2018 में गिरिडीह पुलिस ने डुमरी थाना इलाके के अकबकीटांड में छापामारी की थी तो 15 नक्सलियों के साथ सुनील मांझी भी गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद सुनील को हजारीबाग जेल भेज दिया गया था. अब एनआईए ने सुनील को गिरफ्त में लिया है. सुनील को डुमरी थाना कांड संख्या 06/2018 दिनांक 22 जनवरी 2018 के मामले में रिमांड पर लिया गया है. दरअसल 22 जनवरी 2018 को मनोज कुमार नामक व्यक्ति 6 लाख रुपया लेवी की राशि के साथ गिरफ्तार किया गया था. मनोज को डुमरी के अकबकीटांड से पकड़ा गया था. इस मामले की चार्जशीट गिरिडीह पुलिस ने 17 जुलाई 2018 को समर्पित की थी. इसके बाद इसी दिन इस केस को एनआईए को सौंप दिया गया. तब से एनआईए इस मामले की जांच कर रही थी. जांच में यह साफ हो गया कि लेवी की इस राशि की उगाही विकास योजना से की गयी थी और यह रकम सुनील को ही मिलना था. दूसरा मामला एक करोड़ के इनामी नक्सली पतिराम उर्फ अनल से जुड़ा हुआ. दरअसल अप्रैल 2019 में डुमरी थाना इलाके के कानाडीह में पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर नक्सलियों ने जेएमएम कार्यकर्ता चुड़का सोरेन की हत्या कर दी थी.

अब इस मामले में भाकपा माओवादी सेंट्रल कमेटी के सदस्य पतिराम मांझी उर्फ अनल ( एक करोड़), सैक सदस्य अजय महतो उर्फ अजय जी ( 25 लाख) समेत सात इनामी नक्सलियों के खिलाफ यूएपी एक्ट के तहत अभियोजन की स्वीकृति झारखंड सरकार ने दे दी है. इस संबंध में झारखंड सरकार के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव एल खियांग्ते ने आदेश जारी कर दिया है. यहां बता दें कि डुमरी थाना क्षेत्र के कानाडीह गांव में नक्सलियों ने जेएमएम कार्यकर्ता चुड़का सोरेन की हत्या गोली मारकर कर दी थी. इस मामले में डुमरी थाना में कांड संख्या 36/2019 दर्ज की गयी थी. कांड में कृष्णा हांसदा, रणविजय दा उर्फ रणविजय महतो, नुनूचंद महतो, अजय महतो, रामदयाल महतो उर्फ बच्चन, संतोष महतो और पतिराम मांझी उर्फ अनल दा को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. इस मामले में गिरिडीह के डीसी सह जिला दंडाधिकारी राहुल कुमार सिन्हा ने 22.08.2019 को इन नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध यूएपी एक्ट के तहत अभियोजन की स्वीकृति की अनुशंसा सरकार से की थी. डीसी ने माना था कि उक्त नामजद अभियुक्तों के खिलाफ प्रथम दृष्टया यूएपी एक्ट 1967 की धारा 10/13 के उपबंधों के अधीन अभियोजन के लिए मामला बनता है. इस अनुशंसा के आलोक में झारखंड सरकार ने सभी सात नामजद अभियुक्तों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति प्रदान कर दी है.

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