सिटी पोस्ट लाइव : मुजफ्फरपुर के आई हास्पीटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में लापरवाही से हुए संक्रमण के कारण अब तक 16 मरीजों की आंखें निकालनी पड़ीं हैं. इस मुजफ्फरपुर आंखफोड़वा कांड का लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. सिविल सर्जन और एडिशनल चीफ मेडिकल ऑफिसर (ACMO) ने संयुक्त रूप से आई हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही से अब तक 16 लोगों के आंख की रोशनी जाने को लेकर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई.
मामले में पीड़ित 9 और लोगों की बुधवार को ऑपरेशन कर आंख निकाली गई। CS ने अब तक 16 लोगों की आंखें निकालने की पुष्टि की है. वहीं चार पीड़ितों को गंभीर होने पर भर्ती किया गया है। जबकि, 4 की आंख का ऑपरेशन आज यानी गुरुवार को किया जाएगा. बता दें कि बीते 22 नवंबर को मोतियाबिंद ऑपरेशन कैम्प लगाया गया था. इसमें कई मरीजों ने इस उम्मीद में ऑपरेशन करवाया कि वो अब देख सकेंगे. लेकिन, अस्पताल की लापरवाही ने सभी मरीजों को जीवन भर के लिए अंधा बना दिया.
बताया जाता है कि 24 से अधिक महिलाओं और पुरुषों ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाया था. लेकिन, महज एक सप्ताह के अंदर ही सभी के आंखों में इंफेक्शन हो गया. हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए कि कई लोगों को अपना इलाज अन्य जिलों में जाकर भी करवाना पड़ा. लेकिन कुछ लोग दूसरी जगहों पर इलाज करवाने में सक्षम नहीं थे वैसे लोगों ने आई हॉस्पिटल पहुंचकर चेकअप कराया तो यह कहा गया कि इंफेक्शन हो गया है, आंखें हटानी पड़ेंगी अन्यथा दोनों आंखें इंफेक्शन के कारण खराब हो जाएंगी.
मोतियाबिंद सर्जरी के कारण कई रोगियों की आंखें निकालने की खबर का संज्ञान राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने लिया। आयोग ने पाया है कि लापरवाही से आंखों का ऑपरेशन करना, मेडिकल प्रोटोकॉल के नियमों के उल्लंघन का एक गंभीर मामला है। आयोग ने मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर मामले में 4 हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।