सिटी पोस्ट लाइव :राजधानी पटना में दशहरा और छठ लेकर सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की जा रहा है. पुलिस के जवानों के साथ साथ NCC कैडेट्स सुरक्षा में मुस्तैद नजर आयेगें. 750 NCC कैडेट्स की डिप्लॉयमेंट करने की योजना बनी है. जिन जिलों में कम्यूनिटी पुलिस की प्रतिनियुक्ति हो रही है, वहां बड़ी संख्या में लड़के-लड़कियां दोनों ही कैडेट्स होंगे. जो वुमन रिस्क के लिए टीम है, उसमे गर्ल्स कैडेट्स हैं. पिछले दो साल से कोविड के कारण बड़े पैमाने पर दशहरा का आयोजन नहीं किया गया था. इस बार हर जगह अभी से ही जाम और रश है, इसलिए क्राउड मैनेजमेंट, छेड़खानी, बच्चा खो जाना या अन्य जो दिक्कतें आती हैं उसे कैडेट्स सुल्झायेगें.
कैडेट्स की प्रतिनियुक्ति पहली शिफ्ट शाम के टाइम पांच बजे से रात्रि दस बजे तक रहेगा. वहीं जो परिपक्व कैडेट्स हैं, जिनकी काफी हार्ड विलिंगनेस होती है जो रात्रि में भी सेवा देने के लिए इच्छुक हैं, वह रात को दस बजे से सुबह तक रहेंगे. चुंकि आमतौर पर नवमी को काफ़ी भीड़ होती है और दशमी को सेंट्रलाइज भीड़ होगी. खासकर गांधी मैदान में बिहार के सभी जगह से लोग आते हैं. इसमें जो कैडेट्स का रोल होता है, वह लॉ एंड ऑर्डर के साथ बहुत ही डेकोरेटिव होता है.
यदि किन्हीं को आने-जाने में असुविधा होगी या उन्हें बताना है कि कौन सा मार्ग बंद है या किस मार्ग से गाड़ी नहीं जा सकती या जिला प्रशासन द्वारा पार्किंग का क्या सेनारियो तय किया गया है, इन सबके बारे में लोगों को जागरूक करना इनका डेकोरेटिव रोल होगा. साथ में पुलिस का भी मदद करना इनकी प्राथमिकता होगी. यह पुलिस को एसिस्ट करेंगे और उनके साथ कदम से कदम मिलाकर ड्यूटी करेंगे, जिससे पुलिस को भी काफी सहायता मिलेगी. इससे यह अनुशासन के बारे में भी समझेंगे और इनका मनोबल भी बढ़ेगा.
बिहार के सभी जिले में एनसीसी के लगभग बीस यूनिट हैं, जो 38 डिस्ट्रिक्ट को कवर करती हैं. कम्युनिटी ट्रैफिक पुलिस एनसीसी कैडेट्स होते हैं, सैन्य युवा संगठन भारत का एकलौता संगठन है जो प्री-मिलिट्री ट्रेनिंग से युक्त होते हैं, बी सर्टिफिकेट, सी सर्टिफिकेट होल्डर एनसीसी के जो कैडेट्स हैं, उनकी डिप्लॉयमेंट आम तौर पर दशहरा और छठ में होती है, हर जिले के अपने कैडेट्स होते हैं,