गया के एसएसपी राजीव मिश्र को जिले के विभिन्न क्षेत्रों से नक्सलियों के नाम पर लेवी मांगे जाने और नहीं देने पर जान से मार देने की धमकी दिए जाने की शिकायते मिल रही थीं.एसएसपी ने रंगदारी और लेवी वसूल करनेवाले ऐसे लोगों की पहचान में पुलिस टीम को लगा दिया था.
सिटीपोस्टलाईव:नक्सली संगठनों की आमदनी का एक बड़ा जरिया लेवी रहा है.संगठन की तरफ से बड़े बड़े ठेकेदारों और यहाँ तक कि अधिकारियों से भी लेवी वसूला जाता है.नक्सलियों के खौफ का फायदा अब अपराधी भी उठाने लगे हैं.अपराधियों द्वारा नक्सली संगठनों के नाम पर लेवी वसूले जाने का भंडाफोड़ गया पुलिस ने किया है.सबसे ख़ास बात कि इस गिरोह का सरगना कोई और नहीं बल्कि एक निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी का मुंशी नवीन कुमार है.यहीं अपराधियों को बताता था कि किस कंपनी से कितना लेवी मांगना है.ये कंपनी के लिए काम करता था इसलिए इसे यह भी पता होता था कि रंगदारी किससे मंगनी है.
गया के एसएसपी राजीव मिश्र को जिले के विभिन्न क्षेत्रों से नक्सलियों के नाम पर लेवी मांगे जाने और नहीं देने पर जान से मार देने की धमकी दिए जाने की शिकायते मिल रही थीं.एसएसपी ने रंगदारी और लेवी वसूल करनेवाले ऐसे लोगों की पहचान में पुलिस टीम को लगा दिया था.नतीजा ये निकला कि विभिन्न थाना क्षेत्रों से पांच ऐसे लोग पकडे गए हैं जो नक्सलियों के नाम पर लेवी वसूल रहे थे.
एसएसपी राजीव मिश्र ने बताया कि नक्सली संगठनों द्वारा लेवी मांगे जाने की बढ़ती घटनाओं से लोग परेशान थे.लगातार शिकायतें मिल रही थीं.मैंने सभी थानों को अबिलम ऐसे मामलों के निष्पादन का आदेश दिया था.आज पांच अपराधी पकडे गए हैं .इनका नक्सलियों से कोई लेनादेना नहीं है.ये नक्सलियों के आतंक का फायदा उठाकर उनके नाम पर लेवी वसूल रहे थे.सबसे ख़ास बात गया में पकडे गए ये पांच शातिर बाद्माश केवल गया जिले में ही नहीं बल्कि कई जिलों से लेवी वसूल रहे थे.नवादा,नालन्दा और औरंगाबाद जिलों से भी वसूल रहे थे लेवी .
एक अनुमान के अनुसार नक्सली हर साल 200 करोड़ रुपये से ज्यादा लेवी वसूल करते हैं.लेवी देनेवाले ज्यादातर सरकारी ठेकेदार और सरकारी बाबू ही होते हैं.हर ठेकेदार और सरकारी बब्बू को पता होता है कि कोई भी काम करना है तो एक तय टैक्स नक्सलियों को देना है.जो कम्पनियाँ या ठेकेदार लेवी देने में आनाकानी करते हैं,उनके लिए नक्सल ईलाकों में काम करना मुश्किल हो जाता है.आये दिन लेवी की मांग को लेकर नक्सली कंपनियों के निर्माण उपकरणों को आग के हवाले करते रहते हैं.