सिटी पोस्ट लाइव : विगत 16 मार्च को जिले के अति उग्रवाद प्रभावित डुमरिया थाना क्षेत्र के मोनाबार गांव में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के ऊपर लाखों रुपए का इनाम था। इन नक्सलियों ने बिहार-झारखंड के कई जिलों में दर्जनों कांडों को अंजाम दिया था। दोनो राज्यो की पुलिस को नक्सलियों की लंबे अरसे से तलाश थी। सभी नक्सली अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे। इस संबंध में वरीय पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि डुमरिया थाना क्षेत्र के मोनाबार गांव में में हुई मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के ऊपर लाखों रुपए के इनाम थे।
उन्होंने बताया कि इस मुठभेड़ में कुल 4 शीर्ष माओवादी मारे गए। जिनमें सब जोनल कमांडर शिवपूजन यादव के ऊपर बिहार में 50 हजार व झारखंड में 5 लाख रुपये का इनाम था। वही सब जोनल कमांडर सीता भुइयां के ऊपर झारखंड में 5 लाख रुपये का इनाम था। इसके अलावा जोनल कमांडर अमरेश सिंह व सब जोनल कमांडर उदय पासवान की भी कई मामलों में पुलिस को तलाश थी।
उन्होंने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि मोनाबार गांव के दो घरों में नक्सली छुपे हुए है। जिसके बाद दोनों घरो की घेराबंदी की गई। साथ ही नक्सलियों को सरेंडर करने का अल्टीमेटम दिया गया। लेकिन नक्सली फायरिंग करने लगे। पुलिस के द्वारा भी जवाबी कार्रवाई की गई। लगभग 40 मिनट तक दोनों ओर से सैकड़ों राउंड फायरिंग होती रही। फायरिंग बंद होने के बाद 4 नक्सलियों के शव बरामद किए गए।
घटनास्थल से 2 एके-47, एक जर्मन मेड एचके-33 व एक इंसास जैसे अत्याधुनिक हथियार व सैकड़ों राउंड कारतूस भी बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई में सीआरपीएफ 159 बटालियन, कोबरा, एसटीएफ व स्थानीय थाना की पुलिस व अधिकारी शामिल थे। इस ऑपरेशन में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
गया से जीतेन्द्र कुमार की रिपोर्ट