सिटी पोस्ट लाइव(सोमनाथ ): बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों के साथ हुए रेप के मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने अब समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की गर्दन दबोचने की तैयारी में जुट गई है. गुरूवार को सीबीआई की टीम पटना में समाज कल्याण विभाग के निदेशालय पहुंची. टीम के अधिकारियों ने समाज समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर राज कुमार से पूछताछ की. समाज कल्याण विभाग ने पूछताछ के बाद सीबीआई को कागजात सौंपा. अब तक जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक सीबीआई की टीम ब्रजेश ठाकुर के बालिका गृह से जुड़े हर मामले के दस्तवेज अपने साथ जांच के लिये ले गयी है.
इससे पहले भी CBI की टीम बुधवार को समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव से मिल चुकी है. सूत्रों के अनुसार सीबीआई ये जानने की कोशिश कर रही है कि किस तरह से समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने नियम कानून को ताक पर रखकर मुजफ्फरपुर जिले में ब्रजेश ठाकुर को कई संस्थाएं चलाने का ठेका दे दिया गया.सीबीआई अब पीड़ित बच्चियों से मिलकर उनका बयान दर्ज करेगी. लड़कियों के बयान के आधार पर एजेंसी के अधिकारी संदेह के घेरे में आनेवाले मंत्रियों, विधायकों और नेताओं की तस्वीर की पहचान कराने की कोशिश करेगी. सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने दो मंत्रियों और दो विधयाकों समेत कई नेताओं और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की लिस्ट बना चुकी है जिनकी तस्वीर के जरिये लड़कियों से पहचान कराई जायेगी.
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के साथ सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान ले लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और बिहार सरकार को नोटिस भी जारी कर चूका है.कोर्ट की नजर इस मामले पर है इसलिए सीबीआई तेजी से जांच के काम को आगे बढ़ा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित लड़कियों की तस्वीरें और वीडियो दिखाने पर गंभीर आपत्ति जताई और साफ किया कि पहचान छिपाने की कोशिश करते हुए संपादित तस्वीर या वीडियो किसी भी हाल में नहीं दिखाया जा सकता. साफ कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया रेप पीड़ित बच्चियों की मार्फ्ड तस्वीरें भी नहीं चलाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने ‘नेशनल कमीशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स’ (एनसीपीसीआर) को भी नोटिस भेजा है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि छोटी बच्चियों का कोई इंटरव्यू नहीं कराया जाएगा. कोर्ट ने वरिष्ठ वकील अपर्णा भट्ट को कोर्ट ने एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है जिन्हें इस मामले से जुड़े सारे पक्ष रिपोर्ट करेंगे. जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने अपने निर्देश में राज्य सरकार और केंद्र सरकार को तीन हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होगा उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए.
इस हाई प्रोफाइल केस की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है और इस मामले में कई आरोपी जेल में है. शेल्टर होम में यौन-उत्पीड़न की घटना के बाद से बिहार में भी सियासत तेज हो गई है. इस मामले को लेकर ही गुरूवार को वाम दलों ने बिहार बंद का आयोजन किया जिसे सभी विपक्षी दलों का समर्थन मिला.