मुंगेर गन-फैक्ट्री का कारीगर ̔ क्लाशनिकोव ̓ बना रहा देशी AK-47, पुलिस के लिए चुनौती

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मुंगेर गन-फैक्ट्री का कारीगर ̔ क्लाशनिकोव ̓ बना रहा देशी AK-47, पुलिस के लिए चुनौती

सिटी पोस्ट लाइव( अभिषेक ) : देश के अलग-अलग हिस्सों में पुलिस द्वारा बरामद की जा रही मुंगेर निर्मित AK-47 राइफल से एक बात साफ़ है कि मुंगेर में अब देशी बन्दूक की जगह AK-47 जैसे अत्याधुनिक हथियार बनाए जाने लगे हैं. अपराधिक गिरोहों द्वारा जिस तरह से इसका इस्तेमाल बढ़ा है, पुलिस की चुनौती बढ़ गई है. सबसे ख़ास बात ये है कि मुंगेर निर्मित देशी AK-47 देखने में हूबहू मिखाइल क्लाशनिकोव की बनाई एके-47 राइफल जैसी ही हैं. पुलिस का कहना है कि ये सिर्फ देखने में ही नहीं काम भी असली एके-47 जैसा करती है. 250 से 300 मीटर की दूरी तक इसका रेंज है.वजन भी ओरिजिनल जितना ही है. देश के अलग-अलग हिस्सों में पुलिस की कार्रवाई में पकड़ी गईं मुंगेर की बनी एके-47 राइफल इस बात का सबूत है कि इनका उत्पादन भी धड़ल्ले से हो रहा है.

मुंगेर में तो एक सप्ताह में 8 AK-47 की वारादगी तो हो ही चुकी है. दिल्ली पुलिस भी मुंगेर की बनी कुछ एके-47 बरामद कर चुकी है. उसकी पूछताछ में भी जो नाम सामने आया है उसके अनुसार मुंगेर में एके-47 बनाने वाला कोई और नहीं मुंगेर का क्लाशनिकोव उर्फ मानजी है. अवैध हथियार बनाने की दुनिया में आने से पहले मानजी मुंगेर की ही एक हथियार बनाने वाली सरकारी फैक्ट्री में ही काम करता था. इस खुलासे के बाद यह बात साफ़ हो गई है कि मुंगेर गन फैक्ट्री में काम करनेवाले कारीगर ही अवैध निर्माण हथियारों का कर रहे हैं.

दरअसल, मुंगेर की इस गन फैक्ट्री की हालत आजकल खस्ता है. इस वजह से सैकड़ों करिगारोंको नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. अब ये कारीगर ही कानून-व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके हैं. मानजी जी  भी इसी में से एक कारीगर है. कुछ समय तक तो मानजी बेरोजगार घूमता रहा. लेकिन फिर अचानक से गायब हो गया. खुफिया पुलिस को जानकारी मिली की सरकारी फैक्ट्री में मानजी की गिनती अच्छे कारीगरों में होती थी. बैरल और स्प्रिंग तकनीक का उसे मास्टर कहा जाता था. सूत्रों के अनुसार मानजी खुद तो एक्सपर्ट है ही साथ ही उसने अब तक कई लड़कों को ट्रेनिंग देकर एके-47 बनाने का दक्ष कारीगर बना दिया है. हथियारों की तस्करी के सबसे बड़े नाम केवट माझी पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चूका है. लेकिन हैरत की बात ये है कि अभी तक पुलिस मानजी तक नहीं पहुंच पाई है. विदेशी एके-47 रायफल की तरह से मानजी की बनी एके-47 गैस चैंबर और स्प्रिंग तकनीक के चलते 600 गोलियां तक फायर करती है. विदेशी एके-47 की तरह से मुंगेर की बनी एके-47 भी 250 से 300 मीटर तक फायर करती है. वजन में भी विदेशी एके-47 जितनी 4.5 किलो की होती है.

पुलिस सूत्रों के अनुसार नक्सली संगठन और अपराधिक गिरोह इसके सबसे बड़े खरीददार हैं. जीतनी मांग है, उतनी राइफलें वो बना भी नहीं पा रहा है. अगर कुछ साल और भी वह पुलिस के हाथ नहीं आया तो बिहार समेत सभी अपराधिक गिरोह के पास AK-47 राइफलें होगीं.

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