सिटी पोस्ट लाइव :डीजीपी को झांसा देकर चर्चा में आये जालसाज अभिषेक अग्रवाल ने पूछताछ में बड़े बड़े खुलासे किये हैं.वह IAS-IPS अधिकारियों के साथ संबंध बनाकर उनके साथ सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर डालकर अपनी धनुस जमाता था.शातिर अभिषेक अग्रवाल अपने आपको बिहार के ही एक बड़े IAS अधिकारी का साला बताता था. वो अधिकारी पटना के DM और कमिश्नर के पद पर रह चुके हैं. सूत्र बताते हैं कि अधिकारी से अपने को अपना जीजा बताकर नौकरशाहों से दोस्ती करता था. सूत्र बताते हैं कि ऐसा अभिषेक अग्रवाल ने कई लोगों के साथ कर रखा है.
IAS-IPS अधिकारियों के बीच अपनी पैठ बनाने का अभिषेक अग्रवाल ने बहुत अच्छा तरीका अपना रखा था. दूसरे राज्य के रहने वाले अधिकारियों को ये टारगेट करता था. फिर किसी बहाने से उनसे मिलता था. इसके बाद वो अधिकारियों को फ्लैट दिलवाने में मदद करता था।.किचन से लेकर बाथरूम तक ठीक कराने में उसका महत्वपूर्ण योगदान दिया करता था. सूत्र बताते हैं कि इस तरह से वो अधिकारियों के बीच पैठ बना लिया करता था.
अभिषेक अग्रवाल को फरार IPS व गया के पूर्व SSP आदित्य कुमार की मदद करने के लिए बनाए गए एक आपराधिक साजिश के तहत गिरफ्तार किया गया है.लेकिन इसके पकड़े जाने से कई IAS-IPS अधिकारियों की सांसे फूल रही हैं. क्योंकि, काले कारनामों में शामिल अधिकारियों को एक बात का डर हो गया है कि अभिषेक के जरिए कहीं उनकी असलियत सामने नहीं आ जाए. दरअसल, सूत्र बताते हैं कि अभिषेक अग्रवाल ने बिहार पुलिस भवन निर्माण विभाग में अपनी पैठ बना रखी थी. इसी पैठ के जरिए वो इस डिपार्टमेंट को टाइल्स की सप्लाई किया करता था. इसके एवज में वो अधिकारियों को कमीशन के तौर पर मोटी रकम खिलाया करता था.
पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर बिहार के DGP को कॉल करने और फरार IPS आदित्य कुमार के लिए पैरवी करने के केस में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने गिरफ्तार अभिषेक अग्रवाल को रिमांड पर लिया था. 48 घंटे की रिमांड के दरम्यान उससे कई बार पूछताछ हई. गुरुवार को उसे वापस जेल भेज दिया जाएगा. सूत्रों के जरिए एक और बात सामने आई है कि वो काली कमाई करने वाले अधिकारियों के ब्लैक मनी को वो इन्वेस्ट करता था. कुछ तो उसके टाइल्स के बिजनेस में भी पार्टनर हैं.
अभिषेक अग्रवाल के रिश्ते कई ऐसे कारोबारियों के साथ थे, जिनका लाखों रुपयों का माल अक्सर सड़क के रास्ते बॉर्डर पार कर बिहार आता था. इसके इशारे पर कई कारोबारियों के माल को जांच के नाम पर बॉर्डर पर रोका गया. उसमें शराब की बोतल रखी गई. फिर माल को पुलिस अपने कस्टडी में रखती थी. इसके बाद अभिषेक अलग-अलग तरह के पैतरें बना संबंधित कारोबारी से कॉन्टैक्ट करता था. माल छुड़वाने के नाम पर कारोबारी से मोटी रकम की ठगी करता था. ऐसा कई कारोबारियों के साथ वो कर चुका है.