सिटी पोस्ट लाइव : पटना पुलिस को ये क्या हो गया है. कभी वह शब्जी वाले को मुफ्त में शब्जी नहीं देने पर खूंखार अपराधी बना देती है तो कभी पांच साल की बच्ची से बलात्कार का मामला दर्ज करने से मन कर देती है और अगर कोई नहीं मिला तो आपस में ही भीड़ जाती है. पटना के शास्त्री नगर थाने के थानेदार को जब कोई नहीं मिला तो अपने थाने के एक दारोग को ही जमकर धो डाला.थाने लोग आये थे शिकायत दर्ज कराने थानेदार के पास लेकिन यहाँ तो थानेदार अपने ही एक दरोगा को धो रहा है. जब दो पुलिस वाले आपस में भिड़े हों, तो बाला बीच बचाव करने की गुस्ताखी भला कौन करे.
राजधानी पटना के शात्रीनगर थाने में गुरुवार को उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब दो दारोगा आपस में भिड़ गए. विनोद कुमार मॉझी नामक दारोगा ने आरोप लगाया कि अपर थानाध्यक्ष अजीत कुमार सिंह ने उनकी पिटाई कर दी. पिटाई में दारोगा वी के मांझी का चश्मा, बैच और नेम प्लेट टूट गया. एक दारोगा के धरने पर बैठने से पूरे थाने में खलबली मच गई है. दारोगा वी के मांझी का कहना है कि वे तीन दिनों से मेडिकल छुट्टी पर थे. जब वो आज जब डयूटी ज्वाइन करने पहुंचे तो उनके साथ मार पिटाई की गई है. उन्होंने कहा कि वो कई प्रकार की बीमारी से ग्रस्त हैं. इलाज के लिए बकायदा आवेदन देकर छुट्टी ली थी लेकिन आज वापस ड्यूटी ज्वाइंन पर उनके साथ मार पिटाई की गई.दारोगा मांझी का कहना है कि 8 जुलाई को ड्यूटी के दौरान उन्हें दर्द हुआ तो उन्होंने आवेदन देकर तीन दिनों की छुट्टी ली और आज ड्यूटी ज्वाइन करने पहुंचे तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया है. मेरे पास डॉक्टर की रिपोर्ट भी मौजूद है.
मालूम हो कि फ्री में सब्जी मामले और एक नाबालिग के साथ रेप के मामले दर्ज नहीं करने को लेकर पहले ही पटना पुलिस की बहुत किरकिरी हो चुकी है . अब खुद अंदाजा लगाइए, जहाँ एक थानेदार अपने सहयोगी दारोगा के साथ ऐसा सलूक कर सकता है ,वो आम आदमी के साथ कैसा सलूक करता होगा ? कौन हिम्मत जुटा पायेगा इस दारोगा से मिलने की या फिर शिकायत करने की . एक तरफ पुलिस को पीपुल फ्रेंडली बनाने को लेकर थानेदार की पोस्टिंग के लिए परीक्षा लेने की प्रक्रिया पटना पुलिस अपना रही है, दूसरी तरफ उसके एक थानेदार की यह शर्मनाक करतूत सामने आई है .