सिटी पोस्ट लाइव : अपने चहेते-भरोसेमंद IAS अधिकारी मनीष वर्मा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एकबार फिर से मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए एक अतिरिक्त परामर्शी पद का सृजन को मंजूरी मिल गई. इस पद पर पूर्व IAS मनीष कुमार वर्मा को नियुक्त भी कर दिया गया है. गौरतलब है कि इससे पहले सेवानिवृत आईएएस मनीष कुमार वर्मा को बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बनाया गया था.
2000 बैच के ओडिशा कैडर के IAS अधिकारी मनीष वर्मा को अपने मूल कैडर में वापस बुलाया जा रहा था. मनीष वर्मा वहां जाने को इच्छुक नहीं थे, ऐसे में उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाकर वॉलंटरी रिटायरमेंट ले लिया और फिर वापस बिहार आ गए. तब से लगातार बिहार के लिए काम कर रहे हैं.मनीष वर्मा उस समय चर्चा में आए थे, जब वह पटना के जिलाधिकारी थे. उन्हीं के कार्यकाल में 3 अक्टूबर 2014 को पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के बाद भगदड़ मची थी. इस भगदड़ में 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे और 33 लोग की मृत्यु हुई थी.
दूसरी बार मनीष वर्मा उस समय चर्चा में आए थे, जब 2014 लोकसभा चुनाव हो रहा था, मनीष वर्मा पूर्णिया में डीएम थे. इनके क्रियाकलाप को लेकर सुशील मोदी खासे नाराज थे, उन्होंने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर मनीष वर्मा को हटाने का आग्रह किया था.कोई खुश हो नाराज क्या फर्क पड़ता है अगर खुद मुख्यमंत्री ही जिसे पसंद करता है.नौकरी छोड़ देने के वावजूद उन्हें दुबारा पॉवर में मुख्यमंत्री ने ला दिया है.