सिटी पोस्ट लाइव, लोहरदगा: लोहरदगा पुलिस ने जुरिया गांव में आठ नवंबर को हुए चरिया उरांव हत्याकांड मामले में उसके भतीजे समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। लोहरदगा पुलिस कप्तान प्रियंका मीणा ने बताया कि जमीन विवाद के कारण बिरसा उरांव के भतीजे विजेंद्र उरांव ने अपने चाचा की जमीन को हड़पने के नियत से बिरसा और उसकी पत्नी चरिया उरांव की हत्या की योजना बनाई, ताकि वह जमीन को अपने मन मुताबिक ढंग से बेच सके। शहर के नजदीक होने के कारण जुरिया गांव में जमीन की कीमत उछाल पर है। इसके लिए योजना बनाकर हत्या को अंजाम देने की रणनीति बनाई गई। सबसे पहले विजेंद्र से जमीन दलाल दीपक कुजूर और विकास उरांव दोनों भाई ने जुरिया बड़का टोली निवासी बिरसा उरांव से मेलजोल बढ़ाया। जब विश्वास प्रगाढ़ होने लगा, तो तीनों ने मिलकर शूटर रांची के नरकोपी थाना क्षेत्र के सेरोगाडो निवासी संजय उरांव और लोहरदगा सेन्हा थाना क्षेत्र के जोगना स्थित नवोदय विद्यालय मोड़ के शातिर शूटर राजकुमार ठाकुर को हायर किया।
आठ नवंबर को जब बिरसा और चरिया धान खलिहान की निगरानी कर रहे थे। उसी वक्त सभी पांच लोग बाइक से वहां पहुंचे। बिरसा और चरिया को लक्ष्य कर नाइन एमएम पिस्टल से गोली चलाई। इससे चरिया के पेट में गोली लगी और मौके पर उसकी मौत हो गई। इससे बिरसा घबरा गया। गांव के लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी। हालांकि इस हत्याकांड का कोई सुराग पुलिस को हाथ नहीं लगा था। पुलिस कप्तान प्रियंका मीणा ने एसडीपीओ जितेंद्र कुमार सिंह की अगुवाई में सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों की एक टीम बनाई। टीम ने करीब एक सप्ताह के अंदर पूरे मामले का खुलासा करते हुए, इसका पटाक्षेप किया। टीम में शामिल एसआई पंकज कुमार, सन्नी कुमार, शैलेंद्र कुमार, ऋषिकांत कुमार, सुजीत कुमार और महिला सब इंस्पेक्टर मनीषा कुमारी ने जांच आरंभ किया।
इसमें परत-दर- परत के साथ तथ्य सामने आने शुरू हो गए। इसके बाद पुलिस ने दीपक कुजूर, विकास और विजेंद्र बाखला को जुरिया से, संजय उरांव नरकोपी से और राजकुमार ठाकुर को जोगना गिरफ्तार किया। पूछताछ में सभी ने अपराध को स्वीकार करते हुए कहा कि घटना को हम ही लोगों ने ही अंजाम दिया था।अपराधियों के पास से नाइन एमएम का देसी पिस्तौल जिसे हत्या में उपयोग किया गया था। इसके अलावा तीन जीवित कारतूस, चार मोबाइल और बाइक जब्त हुआ है। हत्या के खिलाफ लोहरदगा थाना में भादवि की धारा 302 और 34 के अलावा आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। राजकुमार ठाकुर इसके पहले भी कई बार जेल जा चुका है। अर्रु चौक में हुए झमेले में भी राजकुमार ठाकुर शामिल था। एसडीपीओ जीतेंद्र सिंह ने बताया कि अपराधियों को गिरफ्तार करने में हवलदार गला प्रधान सवैया, जवान नवलेश शर्मा, किशोर आदि ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।