सिटी पोस्ट लाइव : पिछले मंगलवार को पटना एयरपोर्ट के इंडिगो मैनेजर रूपेश सिंह की राजधानी पटना के पुनाईचक में शाम सात बजे गोलियों से छलनी कर दिया गया था. इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड को लेकर बिहार की सियासत में बवाल मचा हुआ है. रूपेश मर्डर केस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब तक दो बार सार्वजनिक तौर पर डीजीपी को फटकार लगा चुके हैं. लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं. रुपेश सिंह के परिजनों की चिंता इस बात को लेकर बढ़ गई है कि पुलिस अनुसंधान कर आरोपियों को पकड़ने की बजाय मामले को रफादफा करने में जुटी हुई है. मुख्यमंत्री के फरमान के 9 दिन गुजर जाने के वावजूद बिहार पुलिस का अनुसन्धान आगे नहीं बढ़ पाया है.
हद तो तब हो गई जब पुलिस ने रूपेश हत्याकांड को पटना एयरपोर्ट पार्किंग टेंडर विवाद से जोड़कर मामले को रफादफा करने की कोशिश करने लगी. डीजीपी एसके सिंघल ने एयरपोर्ट पार्किंग ठेका विवाद में रूपेश की हत्या किए जाने का शक जाहिर कर ये साफ़ कर दिया है कि पुलिस ठेका विवाद को ही हत्या की वजह साबित करने में जुटी है. बड़ा सवाल यही है कि एयरपोर्ट के टेंडर से इंडिगो के मैनेजर का क्या सम्बन्ध हो सकता है? एक निजी विमानन कंपनी का मैनेजर एअरपोर्ट पार्किंग का को ठेका देने या दिलाने में कैसे कोई अहम् भूमिका निभासकता है? पटना एयरपोर्ट पार्किंग के ठेके से रूपेश की की हत्या के तार जोड़े जाने से पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं.रुपेश के परिजनों को आश्नाका है कि पुलिस ठेका विवाद को आगे कर असली गुनाहगार को बचाना चाहती है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रुपेश हत्याकांड पर संज्ञान लेते हुए 13 जनवरी को खुद डीजीपी से बात की थी और इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या से संबंधित अद्यतन जानकारी ली. डीजीपी ने मुख्यमंत्री को बताया था कि इस हत्याकांड के उद्भेदन के लिए एसआईटी गठित कर त्वरित कार्रवाई की जा रही है. मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को सख्त निर्देश देते हुए कहा था कि इस हत्याकांड के अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी करें और स्पीडी ट्रायल कराकर दोषियों को जल्द से जल्द कठोर सजा दिलाएं. मुख्यमंत्री ने डीजीपी को निर्देश दिया कि अपराध की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे. पुलिस अपराधियों के खिलाफ पूरी सख्ती से पेश आए. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हत्याकांड को लेकर वे काफी गंभीर हैं और स्वयं लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं.