विकास दुबे के पुलिस एनकाउंटर की कहानी का सच जानिये .

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : अगर पुलिस एनकाउंटर का मन बना ले तो अपराधी चाहे लाख जतन कर ले बच नहीं सकता.अबतक दर्जनों लोगों की हत्या कर चुके और पिछले सप्ताह कानपूर में  8 पुलिसकर्मियों को मौत की नींद सुला देनेवाले विकास दुबे की सारी चतुराई धरी की धरी रह गई.वह पुलिस को चकमा देकर उज्जैन भागने में सफल रहा.उसने मंदिर में सीसीटीवी कैमरे के सामने पुलिस के सामने सरेंडर कर अपनी जान बचाने की कोशिश की.कैमरे के सामने गिरफ्तारी देकर उसने सोंचा कि वह एनकाउंटर से बच जाएगा.लेकिन उसे मारने का मन बना चुकी उत्तर प्रदेश की पुलिस ने उसके एनकाउंटर की कहानी रच दी.

उज्जैन से विकास दुबे को कानपूर के लिए लेकर यूपी के कानपूर के लिए रवाना पुलिस की गाडी रास्ते में दुर्घटना की शिकार हो गई.पुलिस के अनुसार दुर्घटना के बाद विकास दुबे ने एक पुलिसकर्मी का रिवाल्वर छिनकर भागने की कोशिश की.पुलिस का कहना है कि अपने बचाव में उसने गोलियां चलाई.एक गोली विकास दुबे के सर में लगी और दूसरी गोली कमर में.विकास दुबे वहीँ ढेर हो गया.गौरतलब है कि यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को पेशी के लिए लेकर जा रही थी इसी दौरान यह सड़क हादसा हुआ था. बताया जा रहा है कि इस सड़क दुर्घटना के विकास दुबे ने भागने की कोशिश की. लेकिन चारों तरफ से सुरक्षाकर्मियों ने उसे घेर लिया. एनकाउंटर में वह घायल हो गया.घायल अवस्था में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ वह मृत घोषित कर दिया गया.जाहिर है पुलिस ने अपनी योजना के तहत आखिरकार उसे मार ही डाला.

जब पुलिस ने उज्जैन से उसको पकड़ा तो विकास दुबे ने चिल्ला चिल्ला कर सबको बताया कि वहीँ विकास दुबे है. वह बार-बार मध्य प्रदेश की पुलिस को बता रहा था कि वह कोई आम अपराधी नहीं बल्कि कानपूर का वहीँ  विकास दुबे है जिसने 8 पुलिसकर्मियों को मारा है.उसे  डर था कि कही पुलिस गोली न मार दे. इसलिए वह मीडिया के सामने खुद का परिचय दे रहा था. गिरफ्तारी के बारे में बताया जा रहा है कि  गैंगस्टर विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर में पूजा करने के लिए गया हुआ था. इस दौरान ही पुलिस ने यह कार्रवाई की है. विकास दुबे ने पूजा को लेकर बकायदा अपने नाम का पर्ची भी कटाया हुआ था. इस दौरान ही मंदिर के गार्ड ने विकास को पकड़ा. उसे बाद महाकाल पुलिस के हवाले उसको कर दिया गया.

बताया जा रहा है कि जिस समय विकास की गिरफ्तारी हुई उस समय उसके पास कोई हथियार नहीं था. विकास दुबे के बिकरू गांव पुलिस छापेमारी करने गई थी तो विकास ने अपने गुर्गों के साथ पुलिस टीम पर हमला कर दिया था. इस हमले में एक डीएसपी समेत 8 पुलिसकर्मी मारे गए थे.

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