24 घंटे में फैसला सुनाने वाले जज सस्पेंड, सात अन्य पर भी गिरी गाज

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : अररिया जिले के जज शशिकांत राय ने पिछले साल नवंबर में केवल 24 घंटे के अंदर आरोपी के खिलाफ अपना फैसला सुनाकर एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था. शशिकांत राय के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी शुरू हो गई है. अगले आदेश तक सभी न्यायिक और प्रशासनिक शक्तियों से मुक्त कर दिया गया है. टना हाईकोर्ट ने आठ न्यायिक अधिकारियों जिनमें कई जज भी शामिल हैं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनको न्यायिक और प्रशासनिक शक्तियों से मुक्त किया है. जिन लोगों पर कार्रवाई हुई है उनमें अपने फैसले से नया रिकॉर्ड बनाने वाले एक जज (Araria Judge Suspend) भी शामिल हैं.

हाईकोर्ट ने खगड़िया फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश राजकुमार द्वितीय, मधुबनी के एडीजे इशरतुल्ला, कटिहार के सचिव डीएलएसए विपुल सिन्हा, बांका के एडीजे चंदा मोहन झा, पटना बाढ़ के एडीजे शत्रुघ्न सिन्हा, सासाराम रोहतास के एडीजे परिमल कुमार मोहित और मुजफ्फरपुर (पश्चिम) के उप-न्यायाधीश सह एसीजेएम सतीश चंद्र के खिलाफ एक्शन लिया है. इन सभी को अगले आदेश तक न्यायिक और प्रशासनिक शक्तियों से मुक्त कर दिया गया है.

पटना हाईकोर्ट की इस कार्रवाई के दायरे में अररिया पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफिस) कोर्ट के जज शशिकांत राय भी आये हैं जिनको निलंबित कर दिया गया है. निलंबित होने वाले राय वही जज हैं जिन्होंने पिछले साल नवंबर में केवल 24 घंटे के अंदर आरोपी के खिलाफ अपना फैसला सुनाकर एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था. शशिकांत राय के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी शुरू हो गई है. इस कार्रवाई को लेकर मंगलवार शाम को अधिसूचना जारी कर दी गई है.

नवंबर 2021 में अररिया पोक्सो कोर्ट के विशेष जज शशिकांत राय ने महज 24 घंटे की सुनवाई के भीतर आरोपियों को दोषी ठहराकर देश में सबसे तेज ट्रायल पूरा करके कीर्तिमान स्थापित किया था. अदालत ने 24 घंटे के भीतर फैसला सुनाने के लिए गवाहों, दलीलों और जवाबी दलीलों को रिकॉर्ड करके फास्ट ट्रैक कार्यवाही की थी. कार्रवाई की अधिसूचना के अनुसार, जांच लंबित रहने तक या अगले आदेश तक, पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश शशिकांत राय बिना पूर्व अनुमति स्टेशन छोड़कर नहीं जा सकते हैं. इस दौरान उनका मुख्यालय सिविल कोर्ट अररिया से अटैच रहेगा.

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