सिटी पोस्ट लाइव : एक आईपीएस अधिकारी हत्या के मामले में पिछले 8 सालों से फरार चल रहे हैं.आईपीएस अधिकारी अरशद जमां के खिलाफ पटना के कोतवाली थाना में हत्या का केस दर्ज है. वरीय पुलिस अधीक्षक के खिलाफ धारा 302, 342, 201 और 34 आईपीसी के अंतर्गत आरोपपत्र भी समर्पित है. इस केस में पुलिस अधीक्षक के खिलाफ वारंट निर्गत है. पुलिस अधीक्षक इस केस में फरार चल रहे हैं. अब आठ सालों बाद सरकार फरार आईपीएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है.
बिहार सरकार ने 30 जून 2013 से कर्तव्य से अनुपस्थिति को सामान्य अनुपस्थिति नहीं माना है. गृह विभाग अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 9 जुलाई 2021 को बैठक हुई थी. बैठक में कमेटी ने यह निर्णय लिया कि अरशद जमां वरीय पुलिस अधीक्षक 30 जून 2013 से अनुपस्थित हैं. हिरासत में रहे अभियुक्त को यातना देकर मृत्युकारित कार्य करने के आरोप में कोतवाली थानामें कांड संख्या 503-03 दर्ज है। इनके खिलाफ न्यायालय से वारंट निर्गत है और वे उस कांड में फरार चल रहे हैं.
गृह विभाग ने कहा है कि 30 जून 2013 से कर्तव्य की अनुपस्थिति को सामान्य अनुपस्थिति नहीं मानी जा सकती. अरशद जमां का उपरोक्त आचरण अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता, मनमाना, सरकार के आदेश की अवहेलना का द्योतक है.यह एक वरीय पुलिस पदाधिकारी कि आचरण के प्रतिकूल है. विभागीय समीक्षा में आईपीएस अधिकारी के विरुद्ध लगाए गए आरोपों के संबंध में तथ्यों का विस्तृत विश्लेषण करने के लिए जांच प्राधिकार की नियुक्ति की गई है. ताकि उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही संचालित किया जा सके. विभागीय कार्यवाही संचालन के लिए पुलिस महा निरीक्षक आधुनिकीकरण के.एस. अनुपम को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है. अपराध अनुसंधान विभाग के पुलिस उपाधीक्षक अभिजीत कुमार सिंह को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी बनाया गया है. गृह विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि अरशद जमां पुलिस महानिरीक्षक आधुनिकीकरण के कार्यालय में सात कार्य दिवस के अंदर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें.