दिल्ली में प्रॉपर्टी में निवेश के इच्छुक बिहारी हो जाएँ सावधान, हो सकते हैं धोखाधड़ी के शिकार
सिटी पोस्ट लाइव : एक अदद आशियाने की चाहत में कई लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई लगा दी. पैसा भी गया और घर भी नहीं मिला .लेकिन अब सालों के इंतज़ार और क़ानूनी जंग के बाद अब रियल एस्टेट आम्रपाली के प्रोजेक्ट्स में फंसे हज़ारों लोगों को घर मिलने की उम्मीद जगी है.सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया और अधूरे प्रोजेक्ट्स पूरा करने का ज़िम्मा सरकारी कंपनी एनबीसीसी को दे दिया.
लेकिन आम्रपाली केवल देश की एकलौती ऐसी कंपनी नहीं है जिसके ऊपर धोखाधड़ी का आरोप लगा है. दर्जनों ऐसी कम्पनियाँ हैं जिन्होंने ग्राहकों से किये वायदों को निभाया नहीं .इन कंपनियों में निवेश करनेवाले सैकड़ों लोग छले और ठगे मह्सुश कर रहे हैं.बिहार की राजधानी पटना के सैकड़ों लोग ऐसी कंपनियों के झांसे में आकर लाखों करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं लेकिन उन्हें अबतक घर और दुकान नहीं मिल पा रही है. एक ऐसी ही दिल्ली की एक बड़ी निर्माण कंपनी है इम्पेरिया बिल्डर्स जिसने बिहार के सैकड़ों लोगों से फ्लैट और दूकान के लिए लाखों –करोड़ों रुपये वसूले.उन्हें स्वर्ग से सुन्दर घर जहाँ तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं होगीं देने का वायदा किया. सालों गुजर गए लेकिन अभी भी सैकड़ों निवेशकों को घर मिलने का इंतज़ार है.
जब छले और ठगे मह्सुश कर रहे निवेशकों ने मीडिया और सरकार से शिकायत शुरू की तो इम्पेरिया बिल्डर्स ने उनके खिलाफ मानहानि का केस कर डराने धमकाने की कोशिश शुरू कर दी. सबसे हैरत की बात ये है कि इम्पेरिया बिल्डर्स के निवेशक छले और ठगे जाने के आरोप लगा रहे हैं और ईन आरोपों को खुद इम्पेरिया के लिए ,इम्पेरिया के दफ्तर में काम कर रहे डीलर्स भी सही बता रहे हैं.वो मान रहे हैं कि कंपनी ने निवेशकों के साथ न्याय नहीं किया है.पटना में इम्पेरिया बिल्डर्स के दफ्तर का काम काज संभालने वाले सुशिल कुमार सिंह निवेशकों को जबाब देते देते थक चुके हैं लेकिन कंपनी ग्राहकों की शिकायतों के निबटारे की बजाय निवेशकों को डराने धमकाने लगी है.
सिटी पोस्ट लाइव इम्पेरिया बिल्डर्स के ऊपर लगे आरोपों की सत्यता की पुष्टि नहीं करता लेकिन जिस तरह से उसके निवेशक छले और ठगे जाने के आरोप लगा रहे हैं, खुद इम्पेरिया के लिए ग्राहक लानेवाले डीलर्स आरोपों की एक हदतक पुष्टि कर रहे हैं, इम्पेरिया बिल्डर्स के प्रोजेक्ट्स में या फिर नॉएडा दिल्ली की प्रॉपर्टी में निवेश करनेवालों को सावधान जरुर हो जाना चाहिए. जिस तरह से बिल्डर्स निवेशकों और मीडिया को डराने के लिए मानहानी के केस का सहारा ले रहे हैं, इससे उनकी विश्वसनीयता और भी कम हुई है.