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सृजन घोटाला मामले में भागलपुर की पूर्व ADM की 6.84 करोड़ की संपत्ति जब्त

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सिटी पोस्ट लाइव : हजारों करोड़ रूपये के बहुचर्चित सृजन घोटाला (Srijan Ghotala) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने भागलपुर की तत्कालीन अपर जिला दंडाधिकारी (एडीएम) जयश्री ठाकुर और उनके परिवार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले (Disproportionate Assets Case) से जुड़े धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) की जांच के सिलसिले में 6.84 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क कर ली है. ईडी (ED) के अनुसार पूर्व एडीएम जयश्री ठाकुर के 15 प्लॉट, 1.53 करोड़ रुपये से अधिक के फ्लैट, 42 बैंक खातों में जमा 5,05,02,511 रुपये की राशि और ठाकुर व उनके परिवार के सदस्यों की 12 अलग-अलग बीमा पॉलिसी के 26,00,123.39 रुपये के ‘समर्पण मूल्य’ को कुर्क करते हुए धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है.

धनशोधन का मामला जयश्री ठाकुर और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ बिहार पुलिस की वर्ष 2013 की एक प्राथमिकी पर आधारित है, उनके खिलाफ ‘एक लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग कर, भ्रष्ट और अवैध तरीकों से 13,98,38,213 रुपये की आय से अधिक संपत्ति हासिल करने’ का आरोप है. ईडी ने कहा कि उसकी जांच में पता चला कि 12 जनवरी, 1987 से 30 जून, 2013 की अवधि के दौरान जयश्री ठाकुर ने बिहार सरकार के विभिन्न सेवओं और पदों पर तैनाती के दौरान भ्रष्ट आचरण के माध्यम से 13,98,38,213 रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की.चल और अचल संपत्ति के रूप में आय से अधिक संपत्ति जयश्री ठाकुर के अलावा उनके पति राजेश कुमार चौधरी, बेटे ऋषिकेश चौधरी और बेटी राजश्री चौधरी के नाम पर थी.

वर्ष 2003 से 2014 के बीच हुए लगभग एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का सृजन घोटाला हुआ था. इस मामले में तत्कालीन एडीएम जयश्री ठाकुर का नाम सामने आने के बाद बिहार सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था.वर्ष 2013 में आर्थिक अपराध शाखा यानी EOU ने जयश्री ठाकुर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था. साथ ही उनके ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. जांच के दौरान EOU को यह पता चला था कि ठाकुर ने सरकार को दी गई जानकारी में भी संपत्ति की असलियत छिपाई थी.

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