सिटी पोस्ट लाइव – दानापुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन फूंकने और आगजनी करने वालों में 25% युवा 24 साल से ज्यादा उम्र के हैं। यानी इनकी उम्र न सेना भर्ती के लिए नहीं बची है और न ही वे सेना की तैयारी कर रहे हैं। पुलिस की पड़ताल में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। वीडियो फुटेज के आधार पर चल रही छापेमारी में भी सेना के नहीं बल्कि आंदोलन के फर्जी अग्निवीर बेनकाब हो रहे हैं। पुलिस की गिरफ्त में आए लोगों में भी सेना में एंट्री की उम्र पार करने वालों की संख्या अधिक है।
कोचिंग सेंटरों की भूमिका साफ हो गई
इतना ही नहीं जिन कोचिंग संचालकों और उनके स्टूडेंट्स का नाम पुलिस रिकॉर्ड में आया उनका भी सेना में एंट्री से कोई लेना देना नहीं। राज्य को पूरे देश में चर्चा में लाने वालों में अब कोचिंग सेंटरों की भूमिका साफ हो गई है। पटना के शाहपुर थाना के रहने वाले 26 साल के आजाद कुमार को फोन कर बुलाया गया था। एक स्थानीय कोचिंग से फोन आया था, जिसमें आंदोलन में शामिल होने की बात कही गई थी। आजाद कुमार आंदोलन में शामिल होने के लिए सुबह ही दानापुर आ गया था। सगुना मोड़ के पास सुबह 10 बजे पहले खाना-पीना हुआ। इसके बाद वह लड़कों की भीड़ के साथ दानापुर स्टेशन पहुंच गया।
आक्रोश की आग ने काफी क्षति पहुंचा दिया
मुजफ्फरपुर के मोहम्मदपुर थाना की पुलिस के हाथों हिंसक आंदोलन में गिरफ्तार हुआ 25 साल का सत्यम की अग्निवीर योजना में शामिल होने की उम्र भी नहीं रह गई है, लेकिन उसके अंदर आक्रोश की आग ने काफी क्षति पहुंचा दिया है। पश्चिमी चंपारण के सजियार गांव का चंदन कुमार महतो। उम्र है 30 साल। चंदन सेना में जाने की कोई तैयारी नहीं कर रहा है। उसकी उम्र भी सेना भर्ती की नहीं बची थी, लेकिन 17 जून को दोपहर में लगभग दो बजे दानापुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चंदन को पुलिस ने 5 फुट के लोहे के रॉड के साथ पकड़ा। गुरु रहमान के साथ पटना के आधा दर्जन से अधिक कोचिंग संस्थानों का नाम सामने आया है। इन कोचिंग संस्थानों की भूमिका सवालों में है। वह आंदोलन में हवा देने का काम किए हैं। कोचिंग संचालकों को सबूत पुलिस के हाथ लगा है जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पटना पुलिस ने गुरु रहमान के साथ अन्य कोचिंग संस्थानों का नाम जैसे ही सामने लाया हड़कंप मच गया।