सिटी पोस्ट लाइव :बिहार की जेलों में कैदियों की मनमानी की ख़बरें तो अक्सर आती रहती हैं लेकिन अब तो जेल मयखाना भी बनते जा रहे हैं.पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार के जेल सबसे सुरक्षित मयखाना बन गये हैं. मुजफ्फरपुर शहीद खुदीराम बोस सेंट्रल जेल में शराब और अन्य नशीले पदार्थ सप्लाई करने का मामला उजागर हुआ है. इसके एवज में कैदियों से जेल के अधिकारी कर्मचारी अवैध उगाही करते हैं. जेल अधीक्षक बृजेश कुमार और तत्कालीन उपाधीकक्ष सुनील कुमार मौर्य के खिलाफ मुख्यालय स्तर से जांच के आदेश दिए गए हैं.
गौरतलब है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून (Liquor Ban In Bihar) लागू है, लेकिन अब जेल ही सबसे सुरक्षित मयखाने बन गये हैं.जेल में सामग्रियों के आपूर्तिकर्ता (ठेकेदार) रहे संवेदक रमेश सिंह ने आरोप लगाया है कि यह दोनों जेल अधिकारी जेल में शराब पहुंचा कर कैदियों से वसूली करते रहे हैं. इस गलत काम के लिए अपराधियों का सहारा लिया जाता है. पॉक्सो एक्ट (Pocso Act) के एक बंदी को अपना खास शागिर्द बनाकर यह गोरखधंधा धड़ल्ले से होता था. इतना ही नहीं, वो बंदी पैसा न देने वाले कैदियों को दूसरे जेल में ट्रांसफर कराने का भय दिखा कर उनसे वसूली करता है.
ठेकेदार ने यह भी आरोप लगाया कि मानक के विपरीत दोनों अधिकारी उस पर सामान आपूर्ति का दबाव बनाते हैं. इसी क्रम में एक संवेदक के द्वारा भेजी गई दूध की गाड़ी में जांच के दौरान भारी मात्रा में गांजा बरामद किया गया था. इस मामले में अरोपित संवेदक के प्रतिनिधि को छोड़ने के लिए दो लाख रुपये में सौदा किया गया था.ठेकेदार की शिकायत पर गृह विभाग के संयुक्त सचिव रजनीश कुमार सिंह ने कारा अधीक्षक बृजेश कुमार और तत्कालीन उपाधीक्षक सुनील कुमार मौर्य के खिलाफ जांच के आदेश दिये हैं.