सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में लोगों की जान के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा खिलवाड़ किये जाने का मामला सामने आया है. मुजफ्फरपुर में कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा किये जाने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. बिहार में कोरोना की जांच के नाम पर फर्जीवाड़े किये जाने की शिकायत बिहार के हर जिले से मिली है.मुजफ्फरपुर के बाद जमुई शेखपुरा जिले में कोरोना जांच में गड़बड़ी की खबर सामने आने के बाद स्वास्थ्य प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मीडिया के सामने आकर पूरे मामले पर सफ़ाई दी है
मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल के कोरोना जांच कराने वालों की सूची से कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा किये जाने का खुलासा हुआ है. बिना जांच किए ही जांच रिपोर्ट बना दिया गया है.सूची में जांच कराने वाले 17 नामों के आगे एक ही मोबाइल नंबर दर्ज है, इसके अलावे एक अन्य मोबाइल नंबर जांच कराने वाले 13 लोगों के नामों के आगे दर्ज है. जिन 17 लोगों के नामों के आगे जो मोबाइल नंबर दर्ज है वह एक हाजीपुर के एक व्यक्ति है. यह मोबाइल नंबर रुही, मो राशिद, रुबेका खातुन, मो मुश्ताक, हरीमा खातून, सालु देवी, संजय राय, गोनु राय, मीना देवी, मनीषा देवी, मनीष कुमार, गुड़िया कुमारी, मंटु कुमार, सीता कुमारी, गीतांजली कुमारी, हरीश कुमार और मिंता देवी के नामों के आगे दर्ज है. यानि दो समुदायों
सूची के मुताबिक ये सभी लोग मुशहरी और कुढनी के रहने वाले हैं लेकिन दर्ज मोबाइल नंबर हाजीपुर के अभिषेक नामक किसी शख्स है. इसके अलावे इसी सूची में जांच कराने वाले 13 लोगों के नामों के आगे एक मोबाइल नंबर दर्ज है. गौर करने वाली बात यह है कि यह फर्जीवाड़ा मात्र एक एक्सेल शीट से उजागर हुआ है. प्रशासन की प्रेस विज्ञप्ति में अबतक 8 लाख 15 हजार लोगों की कोरोना जांच का आंकड़ा पेश किया गया है जिसमें हजारों एक्सेल शीट होंगे. इस एक शीट में मिले फर्जीवाड़े ने पूरे जांच पर सवाल खड़े कर दिये हैं.
जिले के प्रभारी सिविल सर्जन प्रभारी डॉ अमिताभ कुमार ने इसे गंभीर और गलत करार दिया है. प्रभारी सीएस नें इसे डाटा में गड़बरी की बात बताकर अपने मातहतों को बचाने की कोशिश भी की है लेकिन वो इतना तो मानते हैं कि जो तथ्य सामने आए हैं उनसे फर्जीवाड़े की बू आती है.