हत्या की ऐसी खौफनाक वारदात, जिसका फिल्मांकन फिल्मों में नहीं दिखा आजतक

City Post Live

सिटी पोस्ट लाईव : बिहार के हाजीपुर में एक स्कार्पियो पर सवार कुछ अज्ञात अपराधियों ने फ़िल्मी अंदाज में एक सख्श को सड़क पर दौड़ा दौड़ा कर कुचल दिया . खदेड़ खदेड़ कर स्कार्पियो से की जानेवाली इस हत्या की तस्वीर मजबूत दिलवाले को भी दहला देनेवाली है . रात के 2 बजे हैं. स्ट्रीट लाइट की रौशनी में एक व्यक्ति सड़क पर  भाग रहा है और एक स्कार्पियो उसे खदेड़ रही है. वह व्यक्ति जान बचाने के लिए सड़क के किनारे बने पैदल पथ पर चढ़ने की कोशिश करता है लेकिन तबतक स्कार्पियो उसे रपेट कर रौंद डालती है.

पुलिस ने इसे एक सड़क दुर्घना मानकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेंज दिया .लेकिन सीसीटीवी कैमरे में कैद विडियो ये बताने के लिए काफी है कि किसी भी एंगल से यह एक सड़क दुर्घटना नहीं है बल्कि सड़क पर दौड़ा दौड़ाकर  कुचल कर मार देने की खौफनाक अपराधिक  वारदात है. क्योंकि सड़क खाली है. स्कार्पियो सड़क पर भाग रहे सख्श को खदेड़ रही है. जैसे ही स्कार्पियो पास आती है,वह किनारे भागने की कोशिश करता है.लेकिन स्कार्पियो खदेड़ कर उसे कुचल देती है. पुरी तस्वीर वहां  लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद है. स्कार्पियो कुचल कर आगे चला गया और यह व्यक्ति सड़क पर तड़प तड़प कर मर गया.

ये मौत का खौफनाक खेल हाजीपुर के अनवरपुर चौक पर खेला गया है. यह मौत का तांडव 29  जून की सुबह दो बजे हुआ  है. पुलिस ने अभीतक इसे हत्या का मामला नहीं माना है. लेकिन सिटी पोस्ट लाईव ये दावा करता है कि ये हत्या ही है. सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड फिल्म के अनुसार युवक सड़क के  जिस लेन से आगे जा रहा है ,सामने से दूसरी लेन से यानी विपरीत दिशा से ( युवक जिधर जा रहा है उधर से स्कार्पियो आ रही है ) स्कार्पियो आ रही है .युवक को देखते ही स्कार्पियो यूं टर्न ले लेती है. स्कार्पियो के तेजी से यूं टर्न लेते ही  युवक को खतरे का आभास हो जाता है. वह जान बचाने के लिए तेज रफ़्तार से भागने लगता है. युवक भाग रहा है और स्कार्पियो उसे खदेड़ रही है. रौंदे जाने के डर से वह सड़क के किनारे बने पैदल यात्री पथ पर चढ़ने की कोशिश करता है लेकिन स्कार्पियो उसे रपेट  कर कुचल देती है. कुचलने के बाद स्कार्पियो कुछ सेकंड के लिए रुकती है .युवक के मर जाने को लेकर इत्मीनान हो जाने के बाद आगे बढ़ जाती है .

दरअसल, पुलिस ढिलाई इसलिए बरत  रही है क्योंकि मरनेवाला कोई वीआईपी नहीं है. उसके मरने से उसके परिवार के सिवाय और किसी पर कोई फर्क नहीं पड़नेवाला है . एक संवेदनहीन समाज को भला क्या फर्क पड़  सकता है किसी बेगाने की हत्या या मौत से ? जिसकी निर्मम हत्या हुई वह हाजीपुर के अनवरपुर का निवासी  संतोष था जो स्टेशन पर ठेला लगाकर अपना परिवार पालता था. रात में घर जा रहा था लेकिन रास्ते में ही उसकी हत्या कर दी गई. सबसे खास बात कि पुलिस ने वहां लगे सीसीटीवी फूटेज के आधार पर  जांच किये वगैर ,परिजनों को सूचना देने की बजाय  शव का पोस्टमार्टम करवा दिया .सीसीटीवी फूटेज जब सामने आया तो परिजनों को विडियो देखकर तुरत समझ में आ गया कि ये हत्या है .लेकिन पुलिस को ये बात समझ में क्यों  नहीं आई ?

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