दानापुर मंडल रेल का खेल निराला, सुनें कैसे पार्सल पर कमीशन के लिए लड़ रहे कर्मचारी
सिटी पोस्ट लाइव : वैसे तो रेलवे में कितना भर्ष्टाचार व्याप्त है ये बात किसी से छुपी नहीं है. लेकिन आज जो हम आपको बताने और सुनाने जा रहे हैं उसे पढ़कर और सुनकर आपके होश उड़ जायेंगे. आप सोंचने पर मजबूर हो जायेंगे की रेलवे के अधिकारीयों से लेकर कर्मचारियों की जेबें आखिर कैसे भर्ती है. कैसे रेलवे में आपके सामान की डिलीवरी के लिए अवैध वसूली करी है और वो पैसे किन-किन लोगों में बंटती है. दरअसल दानापुर रेल मंडल के तीन कर्मचारियों द्वारा अवैध वसूली के पैसों के बंटवारे को लेकर मोबाइल पर बहस हुई, जिसका ऑडियो क्लिप वायरल हुआ है. ये ऑडियो क्लिप की सच्चाई फ़िलहाल अधिकारिक तौर पर नहीं हुई है लेकिन जो आवाजें है. वो साबित करती है कि रेलवे में कितना भ्रष्टाचार व्याप्त है.
बता दें दानापुर रेल मंडल में भ्रष्टाचार का खेल लंबे समय से चल रहा हैं, जिसे लेकर झंझारपुर के भाजपा के सांसद विरेन्द्र चौधरी ने 6 जुलाई को रेल मंत्री से इसकी शिकायत और जांच कराने का आग्रह किया था. उन्होंने शिकायत में लिखा था कि वरीय मंडल वाणिज्य प्रबंधक विनीत कुमार बीते दस वर्षों से दानापुर रेल मंडल के विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं और भ्रष्टाचार के खेल लिप्त हैं. इनकी अवैध कमाई यार्डों के ठेका और गुड्स पार्सल से हो रही है. वहीं अबतक कोई भी कर्मचारी इनके अन्दर 3-4 साल तक कार्यरत नहीं रह सका जबकि वे खुद दस वर्षों से एक जगह जमे हुए हैं. इनका स्थानातंरण कर, इनके विरूद्ध निष्पक्ष जांच कराया जाएं.
सुनिए कैसे वसूली के पैसों के बंटवारे को लेकर चल रही है बहस… हमको नहीं मिलेगा तो किसी को लेने नहीं देंगे
इस ऑडियो क्लिप में चीफ पार्सल सुपरवाईजर ऋषिकेस ओझा, चीफ पार्सल क्लर्क आर के झा, सीनियर पार्सल क्लर्क रंजीत कुमार एवं चीफ पार्सल क्लर्क नीरज कुमार में वसूली किये गये रूपये को लेकर विवाद चल रहा हैं. क्लीप में सबकुछ स्पष्ट रूप से सुनाई दे रहा है कि अनार वाला, अंडा वाला एवं अन्य पार्सल से प्रतिदिन जमकर वसूली की जाती है. सुपरवाईजर ऋषिकेस ओझा को चीफ पार्सल क्लर्क फोन पर पूछता है कि कितना माल आया था और कितना मिला. ओझा ने सारी बातें बताई जिसके बाद चीफ पार्सल क्लर्क ने बतया कि मेरा कमीशन 50 प्रतिशत है, जो कई वर्षों से सब देते आ रहे हैं. लेकिन ओझा सिर्फ 25 प्रतिशत पर अड़ा रहा, बहस काफी लम्बे समय तक चला, इसमें सीनियर पार्सल क्लर्क रंजीत कुमार ने भी ओझा को समझाया कि कुछ बढ़ा के दे दो. अंत में ओझा ने कहा कि अब हम पार्टी से पैसा लेंगे ही नहीं, फिर आपको भी नहीं मिलेगा और न ही अपनी ड्यूटी में किसी को लेने देंगे, न खुद लेंगे न लेने देंगे.
गौरतलब है कि इस ऑडियो क्लिप से सिर्फ इन्ही लोगों के बीच अवैध वसूली के पैसों का बंटवारा होता दिखाई दे रहा है. लेकिन ये सच्चाई नहीं है. इस भ्रष्टाचार से प्राप्त रूपये ऊपर के रेल अधिकारीयों में भी बनते हैं. उन्ही रेल अधिकारीयों के संरक्षण में ये सारा खेल चलता है. इसी तरह के भ्रष्टाचार को लेकर सांसद विरेन्द्र चौधरी ने विनीत कुमार पर आरोप लगाया था. उनके आरोपों के बाद जब ये ऑडियो क्लिप वायरल हुआ तो सारा मामला दूध की तरह सफ़ेद हो गया. कि किस तरह से दानापुर रेल मंडल में भ्रष्टाचार का खेल व्याप्त है. अब देखना हैं कि क्या रेलवे के वरीय अधिकारी इस वायरल ऑडियो क्लीप के बाद कार्रवाई करते हैं, या बदस्तूर दानापुर रेल मंडल का भर्ष्टाचार का खेल चलता रहेगा.