सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के लखीसराय जिले के बड़हिया में रेल ठहराव को लेकर चल रहे आंदोलन में बवाल बढ़ गया है। बड़हिया रेल संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में लोगों ने स्टेशन पर प्रदर्शन किया और पैनल रूम में ताला जड़ दिया। आंदोलन की वजह से किऊल-पटना मेन लाइन पर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बाधित हो गया है। शाम पांच बजे के करीब दानापुर रेल मंडल के एडीआरएम आंदोलनकारियों को समझाने पहुंचे, लेकिन शाम छह बजे तक कोई नतीजा नहीं निकल सका। वहीं पटना जंक्शन से जाने वाली अकाल तख्त एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों को दूसरे जगह डायवर्ट कर दिया गया है।
मेन लाइन में ट्रेनों का परिचालन बाधित रहने के कारण किऊल में भी यात्रियों ने हंगामा किया है। यहां भी कुछ ट्रेनों को रोककर रखा गया है। अकालतख्त एक्सप्रेस को मेनलाइन प्रभावित रहने के कारण गया रूट से अमृतसर भेजे जाने की खबर के बाद यात्रियों ने यहां हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद रेल प्रशासन ने यात्रियों के हंगामे को देखते हुए गया में पटना जाने के लिए एक विशेष ट्रेन देने के आश्वासन के बाद अकालख्त को गया रूट से निकाला गया है। अब भी आधा दर्जन के करीब ट्रेनें किऊल के आसपास फिलहाल खड़ी हैं। अलग-अलग स्टेशनों व रूटों पर कई ट्रेनें फंसी रहीं और यात्रियों को घंटों परेशान होना पड़ा।
गौरतलब है कि बड़हिया में एक के बाद एक दर्जनभर से अधिक ट्रेनों के ठहराव कोरोना काल के बाद से खत्म किए जाने को लेकर क्षेत्र के लोगों में पिछले छह माह से भी अधिक समय से आक्रोश है। कुछ माह पूर्व भी यहां के लोगों ने व्यापक पैमाने पर धरना-प्रदर्शन के माध्यम से रेलवे को ध्यान आकृष्ट कराया था। उस दौरान रेलवे ने चंद दिनों में समस्याओं के समाधान का आश्वासन देकर आंदोलन को समाप्त करा दिया था। बावजूद उसके समस्याएं खत्म होने की वजह पुन: कुछ अन्य महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव इस रूट से खत्म कर दिया।
इसी वजह से बड़हियावासी एकबार फिर से आक्रोशित हो गए और पिछले एक सप्ताह से लगातार आंदोलन की रणनीति बना रहे थे। इसी कड़ी में रविवार को बड़हिया स्टेशन पर धरना का कार्यक्रम रखा गया था। धरने में करीब दो हजार से भी अधिक लोगों के शामिल होने के कारण स्थिति उग्र हो गई और करीब 11.30 बजे लोगों ने पैनल रूम में ताला जड़ दिया। पैनल रूम में ताला जड़े जाने के बाद से बड़हिया सहित आस-पास के सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव हो गया। मेन लाइन की सभी ट्रेनें अलग-अलग जगहों पर खड़ी है।