पटना गैंगरेप के चौथे आरोपी संदीप मुखिया ने किया CJM कोर्ट में आत्मसमर्पण

City Post Live - Desk

पटना गैंगरेप के आरोपी संदीप मुखिया ने किया CJM कोर्ट में आत्मसमर्पण

सिटी पोस्ट लाइव : पटना में हुए गैंगरेप के मामले में आरोपी संदीप मुखिया ने अब आत्मसमर्पण कर दिया  है. संदीप ने CJM कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है. इससे पहले बुधवार को आरोपी विनायक सिंह ने कोर्ट में सरेंडर किया था. वहीं इस कांड के दो आरोपी विकास और कुश को पटना पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. अब इस कांड के चारों आरोपी संदीप मुखिया, विनायक सिंह, विकास और कुश पटना पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं. 

बता दें एसएसपी के निर्देश पर इस मामले में एक साथ कई टीमें काम कर रही हैं. एएसपी लॉ एंड आर्डर स्वर्ण प्रभात के नेतृत्व में सचिवालय डीएसपी राजेश प्रभाकर और पाटलिपुत्र थानाध्यक्ष केपी सिंह इस मामले में लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. अब जबकि चारों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए हैं तो इस गैंगरेप के पीछे कारणों और इस आरोप में कितनी सच्चाई है, इसपर से पर्दा जल्द उठ जायेगा. हालांकि जो अबतक मामला प्रकाश में आया है उसके मुताबिक पीड़िता संदीप मुखिया को पहले से जानती थी. इन दोनों के बीच काफी दिनों से दोस्ती थी.

सोमवार की शाम 7 बजे लड़की संदीप मुखिया के साथ बोरिंग रोड स्थित जीवी मॉल गई थी. यहां दोनों रेस्टोरेंट में खाना खाने पहुंचे थे. लेकिन उस रेस्टोरेंट में मुख्य आरोपी विनायक सिंह पहले से ही मौजूद था. छात्रा के अनुसार रेस्टोरेंट से बाहर निकलने के बाद विनायक उसे साइड में ले गया. उससे उसने बात की और शादी का आश्‍वासन भी दिया. इस बीच विनायक के दो दोस्तों ने उसे घेर लिया. फिर विनायक अपनी कार लेकर आ गया. इसी दौरान युवती को जबरन कार में बिठा लिया गया. बाद में विकास सिंह पाटलिपुत्र इंडस्ट्रियल एरिया ले गया, जहां उसने किराये के फ्लैट में साथियों की मदद से रेप की घटना को अंजाम दिया.

संदीप मुखिया जो छात्रा का मित्र था उसने रेप की तस्वीर कैमरे में कैद कर लीं. बाद में सभी छात्रा को वापस कार में बैठाकर ले आये और बोरिंग रोड चौराहा पर ये धमकी देते हुए उसे  उतार दिया कि घटना के बारे में किसी को बताया तो रेप का वीडियो वायरल कर दिया जाएगा  और उसकी हत्या भी कर दी जाएगी. एसएसपी ने बताया कि एफएसएल टीम ने घटनास्थल जांच की है और उस कमरे को सील कर दिया गया है जहां वारदात हुई है. हालांकि यह भी बात सामने आई है कि घटना के बाद आरोपी विनायक सिंह ने साक्ष्य मिटाने की भी कोशिश की थी.

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