रांची : पुलवामा आतंकी हमले के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन, पाकिस्तान मुर्दाबाद के लगे नारे
सिटी पोस्ट लाइव : जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले से 44 जवान शहीद होने के बाद पूरा देश इस घटना से मर्माहत है। शुक्रवार को देश भर में इस घटना की निंदा और विरोध प्रदर्शन करते राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन से ले कर आम लोग नजर आए। इसी कड़ी में राजधानी रांची में भी शुक्रवार को इस घटना को ले कर लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे हर कोई के जुबान में एक ही बात थी की अब पाकिस्तान और इस तरह घटना को अंजाम देने वाले को बख्शा नहीं जाए, इन्हें मुंहतोड़ जवाब भारत सरकार दे।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के लोग भी इस घटना का कड़ा विरोध किया जुम्मा की नमाज काला बिल्ला लगाकर अदा किया गया वहीं राजधानी के विभिन्न मस्जिदों में हमले में शहीद हुए जवानों के लिए विशेष दुआ भी की गई। जुम्मे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हाथों में तख्ती और काला बिल्ला लगाकर पाकिस्तान मुर्दाबाद, आतंकवाद मुर्दाबाद, के नारे लगाते हुए विरोध मार्च निकाला, इस दौरान लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाकिस्तान के इस कायरता पर उसे मुंहतोड़ जवाब देने की मांग की वहीं आक्रोशित लोगों ने यह भी कहा कि हमें 1 घंटे के लिए युद्ध में शामिल कर ले तो 44 जवानों के बदले 400 आतंकियों के सर काट कर लाएंगे।
अब सरकार को चुप नहीं बैठना चाहिए, इसका मुंहतोड़ जवाब देने का समय आ गया है : एस अली
ऑल मुस्लिम यूथ एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष एस अली ने पुलवामा आतंकी हमले की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा, कि अब पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का समय आ गया है, अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुप नहीं बैठना चाहिए पाकिस्तान के इस कायरता का सजा उसे जरूर मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री ने देश के लोगों से वादा किया था कि एक के बदले 10 लोगो का सर काट कर बदला लिया जाएगा तो अब हम सभी मांग करते हैं कि 44 के बदले 440 सर काटकर प्रधानमंत्री लाएं वर्ना अब देश के लोग भारत सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोलेगी।
मजहब की आड़ में आतंकी फैलाने वाले मुस्लिम नहीं हो सकते : मुस्लिम समुदाय
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस घटना के कड़ी निंदा करते हुए कहा कि जो लोग मजहब के नाम पर नफरत पर आतंक फैलाते हैं वह लोग का कोई जाति धर्म नहीं होता वह सिर्फ आतंकी होते हैं और इस्लाम में भी नफरत फैलाना कहीं पर लिखा नहीं है इस्लाम तो दूसरों को मदद करना अमन शांति फैलाना सिखाता है ऐसे लोगों को बकसना नहीं चाहिए। अगर मौका मिले तो ऐसे आतंकी कट्टरपंथियों के साथ हम सभी लोग युद्ध के लिए 24 घंटे तैयार है।
रांची से वैजनाथ महतो की रिपोर्ट