Execlusive : जमुई DM के तलाक से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जिसे जानकार आपके होश उड़ जायेगें
सिटी पोस्ट लाइव :पत्नी से तालक लेने को लेकर चर्चा में आयी बिहार के जमुई जिले के डीएम धर्मेन्द्र कुमार की एक से एक कहानी सामने आ रही है.डीएम के ससुराल पक्ष ने खुलासा किया है कि करोड़ों रुपये दहेज़ में लेने के बाद डीएम साहब ने दहेज के पैसे से प्रॉपर्टी खरीदी. घर बनाया .इतना ही नहीं अपने गावं के कच्ची सड़क को भी अपने ससुर से कहकर पक्की करवाया. फिर पत्नी को अपने खराब पोस्टिंग का हवाला दे देकर डराया –धमकाया कि उसके साथ उसका जीवन नरक हो जाएगा. उसे जीवन भर जंगल –पहाड़ में नक्सलियों के बीच रहना पड़ेगा.पत्नी को इतना डरा दिया और समझा दिया कि वह उसके साथ रह नहीं सकती.
डीएम साहब कोर्ट में तलाक की अर्जी दे चुके हैं. जब उन्होंने कोर्ट में तलाक की अर्जी दी तो उनकी पत्नी ने पाटलिपुत्र थाने में उनके ऊपर दबाव बनाने के लिए दहेज़ का मामला दर्ज कर दिया. मामला जब आम आदमी के खिलाफ दर्ज होता है तो उसकी गिरफ्तारी तय हो जाती है. लेकिन ये ठहरा डीएम साहब का मामला. पुलिस ने आनन् फानन में जांच शुरू कर दिया. लड़की का बयान लिए वगैर ये तय कर दिया कि पत्नी खुद तलाक चाहती थी. सबूत के तौर पर पुलिस ने डीएम साहब के द्वारा उपलब्ध कराये गए अपनी पत्नी के फोन रिकॉर्डिंग को पर्याप्त मान लिया. सूत्रों के अनुसार डीएम द्वारा पुलिस गई सीडी में उनकी पत्नी ये कह रही है कि तलाक दे दो. डीएम साहब उसे समझाने की बजाय ये कह रहे हैं कि उसके पापा तैयार नहीं होगें. उनके ऊपर केस मुक़दमा कर देगें. फिर क्या था पुलिस ने इस सीडी को पर्याप्त साक्ष्य मान लिया डीएम साहब को निर्दोष ठहराने के लिए.
सवाल उठता है कि पुलिस ने क्या ये जांच किया कि पत्नी ने तलाक के लिए क्यों कहा? उसे तलाक देने के लिए डीएम साहब ने मजबूर किया या नहीं? क्या उस ऑडियो सीडी की फोरेंसिक जांच की गई कि वह एडिटेड है या फिर अन-एडिटेड है? बिना फोरेंसिक जांच के पुलिस ने ये कैसे मान लिया कि सीडी में जो रिकॉर्ड है, वहीँ सत्य है. एकबार उसे पत्नी का बयान लेना चाहिए था. डीएम साहब को क्लीन चीट देने के पहले उनकी पत्नी का बयान दर्ज करना क्या निष्पक्ष जांच के लिए जरुरी नहीं था ? सीडी में तो पत्नी तलाक के लिए कह रही है. लेकिन जांच टीम के सामने तो उसने कभी नहीं कहा कि वह तलाक लेना चाहती है. कहीं डीएम साहब उसके साथ तलाक तलाक का ड्रामा तो नहीं खेल रहे थे ? कहीं तलाक तलाक के ड्रामा के स्क्रिप्ट को पत्नी से पढवा कर उसे तलाक लेने के लिए साक्ष्य के तौर पर इस्तेमाल तो नहीं कर रहे? सच्चाई जानने का एक ही तरीका है कि पुलिस सीडी की फोरेंसिक जांच करवाए और पत्नी का बयान दर्ज कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचे.
ये तमाम आशंकाएं इसलिए पैदा हो रही हैं क्योंकि डीएम साहब ने तलाकनामे पर पत्नी के हस्ताक्षर लेने के लिए भी कई षड़यंत्र रचे. लड़की के पिता यानी डीएम साहब के ससुर का कहना है कि उनकी बेटी को 50 लाख रुपये देने का ऑफर डीएम साहब ने दिया .वो पैसा और तलाकनामा लेकर दिल्ली तक पहुँच गए, जहाँ वो पढ़ाई करती थी. लेकिन उसने ये बात अपने पिता को बता दी. पिता को जैसे ही पता चला कि उनसे करोड़ों रुपये दहेज़ लेकर डीएम साहब उनकी बेटी को 50 लाख का लालच देकर तलाकनामे पर साइन कराना चाहते हैं, तो उनका माथा ठनका. उन्होंने बेटी को सावधान किया. यानी डीएम साहब अपने तलाक को वैध थराने के लिए तमाम तरह के तिकड़म का इस्तेमाल कर चुके थे. लेकिन जब उन्हें सफलता नहीं मिली तो उन्होंने पुलिस को भरोसे में लिया और ऑडियो सीडी ( फोन रिकॉर्डिंग ) के आधार पर ही अपने को बेकसूर साबित करवा लिया.
ये मामला राष्ट्रिय महिला आयोग के सामने भी जा चूका है. राष्ट्रिय महिला आयोग के सामने ही इस मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने डीएम साहब की पत्नी को केवल इसलिए फटकार लगा दी क्योंकि उसने इस मामले में अपना बयान दर्ज करवाने की मांग की. इस हाई-वोल्टेज ड्रामे का विजुअल सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था. राष्ट्रीय महिला आयोग की तत्कालीन सदस्य सुषमा साहू का कहना है कि जिस तरह से शादी के बाद से ही डीएम साहब ने अपनी पत्नी के फोन को रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया, इसका मतलब है कि वो कभी पति बन ही नहीं पाए. कोई पति अपनी ही पत्नी की इस तरह से जासूसी कैसे कर सकता है. अगर कर रहा है तो जाहिर उसके मन में कोई खोट है या फिर कोई खतरनाक योजना है.
ये खबर पूरी तरह से डीएम साहब के ससुराल पक्ष के सूचना पर आधारित है. सिटी पोस्ट ईन तमाम सूचनाओं की सत्यता की पुष्टि नहीं करता लेकिन ईन तमाम आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग जरुर करता है ताकि सच्चाई सामने आ सके.डीएम साहब अभीतक अपना पक्ष देने को तैयार नहीं हैं. सिटी पोस्ट लाइव की डीएम साहब से समपर्क करने की तमाम कोशिश नाकाम साबित हुई है. हाँ, उनके पिता ने उनका पक्ष जरुर रखा है. उनका कहना है कि धोखे से यह बेमेल शादी करा दी गई. धोखा किसने दिया ये जांच होनी चाहिए.लड़की पक्ष ने या वर पक्ष ने . अगर आरोप सच है तो धर्मेन्द्र कुमार की सजा नौकरी से बर्खास्तगी होनी चाहिए या फिर उनके ऊपर लगे सारे आरोपों की जांच कर उन्हें क्लीन चीट दिया जाना चाहिए.