ऐसे डॉ.गणपत ने मालदार नौकरशाहों से झटके थे करोड़ों रूपये, उगल दिए सारे राज

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सिटी पोस्ट लाइव : डा. गणपत के जालसाजी के सबसे बड़े सहयोगी है उसकी  बेटी जयनिका चित्रक और पत्नी  राधा सिन्हा. डॉक्टर गणपत ने मेडिकल में दाखिले के नाम पर लोगों को फंसाने का काम अपनी इसी पत्नी और बेटी के जरिये शुरू किया . ठगी के इस खेल में गणपत की बेटी और बीबी ने  भरपूर मदद की. ओड़िशा के ठगों से बेटी और वाइफ ने ही  डा. गणपत की मुलाकात करवाई . एक प्राइवेट कंपनी में पत्नी राधा सिन्हा जॉब करती हैं. इनका अक्सर ओड़िशा आना—जाना लगा रहता था. 2017 में बेटी जयनिका चित्रक ने निट का एग्जाम दिया था. उस दौरान बेटी के समपर्क में ठग आये, उसे ठगने .लेकिन उसने उन्हें अपना साथी बना लिया .और खुद शुरू हो गया मेदिक्ला में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी का एक बड़ा खेल .

बेटी ने अपने दोस्त प्रांजल और उसकी मां किरण कुमारी को अपने जाल में फंसाया. कोलकाता के आरजीकर मेडकल हॉस्पिटल में एक बड़े पोस्ट पर अपने खास आदमी के होने का  झांसा देकर  ठगी के खेल की शुरुवात की. प्रति कैंडिडेट 30—35 लाख रुपए में डील फ्रीज़ हुआ . किरण कुमारी के साथ ही शास्त्रीनगर की सीमा प्रसाद, कदमकुआं की रेखा गुप्ता, पटना की ही विनिता पासवान और एजी कॉलोनी की रहने वाले कमलेश प्रसाद ने अपने बच्चों के एडमिशन के लिए एक करोड़ 46 लाख रुपए डा. गणपत को दिए. इसमें 10 लाख रुपए कैश थे बाकी की रकम  चेक के जरिए दिया गया था. खास बात ये है कि जिन बैंक अकाउंट में ये चेक डाले गए , वो कोलकाता और ओड़िशा के थे. ये सभी अकाउंट गलत नाम और पते पर फर्जीवाडा कर खोले गए थे. ठगी से पहले विश्वास दिलाने के लिए सभी लोगों को कोलकाता ले जाया गया. वहां के एक लॉज में अच्छे से रखा गया.

ये सारा राज डॉक्टर गणपत ने पुलिस की हिरासत में 24 घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद किया .  सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने के नाम पर ठगी करने वाले डॉक्टर गणपत मंडल 24 घंटे की पुलिस रिमांड पर लाए गए थे. रिमांड के दौरान ठगी को लेकर कई तरह के सवाल इनसे पूछे गए. डा. गणपत ने पहले तो पुलिस को भरमाने का प्रयास किया फिर ढीला पड़े और राज उगलना शुरू किया . कैसे मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने के नाम पर लोगों से रुपए ठगे ? कौन कौन उनके इस खेल में शामिल था सारे राज उगल दिए .पूछताछ के दौरान इन्होंने बताया कि कैसे ओड़िशा के रहने वाले साथियों के साथ मिलकर ठगी कर रुपए आपस में बांटे थे. बांका जिले के निवासी डा. गणपत पटना के रूपसपुर में रहते हैं और जेल जाने से पहले फतुहा पीएचसी में पोस्टेड थे.

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