डॉक्टर ने मेडिकल में दाखिले के नाम ठग लिया मालदार नौकरशाहों से करोड़ों रुपये

City Post Live

सिटी पोस्ट लाईव : मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर आधा दर्जन से अधिक छात्रों से डेढ़ करोड़ रुपये ठग कर फरार चल रहे डॉ. गणपत मंडल ने पुलिस की बढ़ती दबिश की वजह से बुधवार को सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया . डॉ. मंडल फतुहा पीएचसी में तैनात था और वहीं का रहनेवाला था.गौरतलब है किया इस ठग के खिलाफ कोतवाली थाने में नवंबर 2017 में जालसाजी का केस दर्ज हुआ था. आरोपित डॉक्टर की तलाश में कोतवाली पुलिस लगातार दबिश दे रही थी. नवंबर माह में फतुहा पीएचसी में तैनात डॉ. गणपत मंडल ने  मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलवाने के नाम पर एक करोड़ 46 लाख रुपये ठग लिया था. पुलिस के अनुसार  जिन बच्चों को डॉक्टर ने दाखिला दिलवाने का वायदा किया. सबसे ख़ास बात छले जानेवाले ज्यादातर बच्चों  के पिता बिहार सरकार में बड़े पदों पर तैनात  हैं. इस मामले में एक कॉमर्शियल टैक्स ऑफिसर की पत्‍‌नी ने कोतवाली थाने में केस दर्ज करवाया था.

कोतवाली पुलिस तभी से डॉक्टर की तलाश में जुटी थी. इधर केस दर्ज होने के बाद डॉक्टर ने बेल के लिए चक्कर लगाया, लेकिन कोर्ट से उसे राहत नहीं मिली थी. कोतवाली पुलिस ने कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर ठगी के मामले में डॉक्टर के अलावा उसकी पत्नी, बेटी सहित चार अन्य पर केस दर्ज किया है. जानकारी के मुताबिक पीड़ित को तब शक हुआ जब उसने पूरे रुपये दे दिए और एडमिशन लेने की जब बारी आई तो डॉक्टर ने उसे हॉस्टल और लाइब्रेरी के एलॉटमेंट के कागजात दिए. एडमिशन से जुड़े पेपर भी डॉक्टर ने सभी के घर पर भिजवाए, लेकिन सभी कागजात फर्जी निकले.

आरोप था कि डॉक्टर की बेटी ने छात्रों से संपर्क किया. पीड़ित नीट क्वालीफाई कर चुका था. छात्र को झासे में लेकर डॉक्टर की बेटी ने कहा कि उसके पिता कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलवा देंगे. इसके लिए 35 लाख रुपये देने होंगे. रुपये धीरे-धीरे सारी रकम दे दिया .आशियाना-दीघा रोड निवासी सरकारी कर्मी की बेटी से भी संपर्क कर  उससे भी 31 लाख रुपये ठग लिए गए. अमरूदी गली के रहने वाले एक अफसर की पत्नी ने भी झांसे में आकर 28 लाख 50 हजार रुपये दे दिए. इसी तरह करीब आधा दर्जन से अधिक छात्रों के परिजनों से यह करोड़ों रुपये ठग चूका था. पीड़ित परिवार के पास डॉक्टर मंडल के खिलाफ काफी सबूत थे. उसकी आवाज की रिकॉर्डिग, फर्जी पेपर सहित अन्य कागजात भी परिजनों ने पुलिस को सौंपे थे.सवाल ये भी उठ रहा है कि ईन नौकरशाहों के पास मेडिकल में एडमिशन के लिए इतने पैसे आये कहाँ से .एक नौकरशाह 50 एडमिशन के लिए देकर आगे करोड़ों रुपये पढ़ाई का खर्च कैसे जूता पायेगा ?

Share This Article