सिटी पोस्ट लाइव ( अंजलि श्रीवास्तव): ब्रजेश ठाकुर के रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके बसे बड़े राजदार मधु को ‘सम्मान’ दिलाने के लिए मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी ने महिला सम्मान दिलाने के लिए अतिविशिष्ट महिलाओं की सूची में समाज कल्याण विभाग को भेजा था. गौरतलब है कि यह वहीं मधु है जो मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर की राजदार और चिल्ड्रन होम की कर्ता-धर्ता थी. बिहार के मुजफ्फरपुर के चर्चित बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड के मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर की राजदार और चिल्ड्रन होम की कर्ता-धर्ता मधु अभी भी पुलिस और सीबीआई की गिरफ्त से बाहर है. लेकिन उसके रसूख के बारे में एक से एक बड़े खुलासे हो रहे हैं. सीबीआई सूत्रों के अनुसार राजनीतिक गलियारे में भी मधु का उठना बैठना. ब्रजेश ठाकुर की राजदार मधु कुमारी का नाम जिला महिला सम्मान दिलाने के लिए अतिविशिष्ट महिलाओं की सूची में समाज कल्याण विभाग को भेंजने वाले जिलाधिकारी पर भी सीबीई की नजर है. सीबीआई उनसे भी बहुत जल्द पूछताछ करेगी.
दरअसल, वर्ष 2015 तत्कालीन डीएम अनुपम कुमार ने महिला सम्मान के लिए तीन महिलाओं का नाम समाज कल्याण विभाग को भेजा था. इस लिस्ट में किसान चाची राजकुमारी देवी और मालती सिंह के अलावा मधु कुमारी भी शामिल थीं.अब इस नये खुलासे के बाद जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं. हैरत की बात ये है कि ब्रजेश ठाकुर के सबसे बड़े राजदार मधु के खिलाफ अबतक पुलिस ने कोई मामला तक दर्ज नहीं किया है. केवल पुलिस की केस डायरी में उसका जिक्र है. ब्रजेश ठाकुर की मदद से मधु के तार सियासी और प्रशासनिक महकमों में दूर तक फैले थे. ठाकुर की गैर मौजूदगी में वही उसके एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति का कामकाज देखती थी. यही एनजीओ साहू रोड में चिल्ड्रन होम का संचालन कर रही थी. मधु अपने को इसका अघोषित डायरेक्टर कहती थी.
वकालत की पढ़ाई कर चुकी मधु टेंडर हथियाने वाली महिला के रूप में समाज कल्याण विभाग और स्यंसेवी संस्थाओं के बीच जानी जाती थी. मधु पिछले 30 सालों से ब्रजेश ठाकुर की सबसे करीब रही है. उसने ब्रजेश ठाकुर के पिता के साथ काम शुरू किया था और अब ब्रजेश ठाकुर की दिल अजीज है. 2013 में चिल्ड्रन होम से तीन लड़कियां गायब हो गई थीं तब भी पूरे मामले की सूचना देने से लेकर दस्तावेज प्रबंधन का काम मधु ने ही संभाला था.
मधु की जिंदगी मुजफ्फरपुर के चर्चित चतुर्भुज स्थान में गुज़री है.यह मुजफ्फरपुर का चर्चित रेड लाइट एरिया है. नब्बे के दशक में ब्रजेश ठाकुर के पिता मधु के करीब आए.फिर वह ब्रजेश ठाकुर की खासमखास बन गई.उसकी वजह से ब्रजेश ठाकुर की निजी जिंदगी में भी हंगामा मचा. पत्नी के साथ झड़प हुई.लेकिन ब्रजेश और मधु ने एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा. वह ब्रजेश के एनजीओ के लिए अधिकारियों के बीच लाइजनिंग का काम करती रही. मधु को आगे कर ब्रजेश ने अधिकारियों से मनमाने काम करवाए . अपनी संस्था और अखबार के लिए खूब धन का जुगाड़ किया. ब्रजेश ठाकुर ने मधु को पहचान दिलाने के लिए चतुर्भुज स्थान में ही वामा शक्ति वाहिनी के नाम से एक और स्वयंसेवी संगठन बनाया और मधु को इसका निदेशक बना दिया.
पीड़ित लड़कियों ने खुलासा किया है कि यौन शोषण कराने में मधु मुख्य किरदार निभाती थी. मुजफ्फरपुर और पटना से लेकर नई दिल्ली तक में अधिकारियों और नेताओं के पास लड़कियों को पहुंचाना मधु का ही काम था.सीबीआई मधु की तलाश में जुट गई है. उनके मोबाइल को सर्विलांस में ले लिया गया है.लेकिन उसका मोबाइल लगातार बंद मिल रहा है. आशंका है कि मामला उजागर होने के बाद वह नेपाल भाग गई है.