पारस हॉस्पिटल में प्रताड़ना की शिकार महिला की मौत, कैसे सामने आयेगी सच्चाई?

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : पटना का सबसे नामी-गिरामी अस्पताल पारस पिछले एक सप्ताह से विवाद में है. हॉस्पिटल में एडमिट कोरोना पीड़ित 45 साल की मरनेवाली  महिला की बेटी ने सोमवार को अपनी मां के साथ रेप की कोशिश का गंभीर आरोप लगाया था. पिछले दो दिनों से महिला को वेंटिलेटर पर रखा गया था. मां के मौत की खबर मिलने के बाद बेटी के ऊपर गमों का पहाड़ टूट पड़ा. कोरोना से बीमार पड़ने पर महिला को बेहतर इलाज के लिए पारस हॉस्पिटल में 15 मई को एडमिट कराया गया था. अचानक सोमवार को दो वीडियो और एक ऑडियो सामने आया था जिसमें हॉस्पिटल के ICU के अंदर वहीं के 4-5 स्टाफ के ऊपर बेटी ने अपनी मां के साथ हाथ-पैर बांध कर रेप की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया था.

इस मामले में मौखिक रूप से पुलिस में कंप्लेन की गई थी. इसके बाद शास्त्री नगर थाना की टीम ने हॉस्पिटल में पहुंचकर जांच की थी और वहां लगे CCTV कैमरे को खंगाला था. हालांकि, उस वक्त जांच में बेटी के लगाए आरोपों की पुष्टि नहीं हुई थी. मंगलवार को बेटी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वो सिर्फ चाहती है कि किसी तरह से उसकी मां ठीक हो जाए. उसके बाद सारे सवालों का जवाब उसकी मां खुद देगी. लेकिन, अब महिला की मौत के बाद ऐसा हो नहीं पाएगा. असलियत क्या है? इस पर पर्दा बना रह गया.

बुधवार को महिला की मौत के बाद शास्त्री नगर थाना की पुलिस ने बेटी का लिखित बयान लिया है. आज अपने बयान में बेटी ने हॉस्पिटल के ऊपर मां के साथ हाथ-पैर बांधकर अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है. इसके आरोप पर जिला प्रशासन की तरफ से प्रतिनियुक्त किए गए मजिस्ट्रेट अपने स्तर से जांच करेंगे और पुलिस की जांच अलग से होगी. इसके बाद ही आगे कोई कार्रवाई होगी.इस पूरे मामले पर जेल में बंद जाप के मुखिया और पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने गंभीर आरोप लगाया है. सोशल साइट पर पोस्ट कर पप्पू यादव ने कहा कि मैंने जो आशंका जताई थी, वही हुआ. CM साहब के गांव की उस मां को पारस हॉस्पिटल में मार दिया गया, जिसका ऑक्सीजन लेवल 89 था. लंग्स भी बहुत कम संक्रमित था. उन्हें वेंटिलेटर पर चढ़ाना संकेत था कि रेप के महापाप को छुपाने के लिए उनकी जान ले ली.

इस पूरे मामले पर हॉस्पिटल मैनेजमेंट की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया कि एक 45 वर्षीय महिला को कोविड के लक्षणों के साथ 15 मई को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. मूल्यांकन के बाद कोविड ICU में रखा गया. 16 मई की शाम को मरीज बेचैन हो गईं और हाई फ्लो ऑक्सीजन पर भी उचित सेचुरेशन नहीं रख पा रही थीं. डॉक्टर ने उन्हें C-PAP सपोर्ट पर रखने का फैसला लिया. उनकी हालत बहुत बेचैन थीं. ऑक्सीजन लेवल को बनाए नहीं रख पा रहीं थीं.उन्हें मैकेनिकल इनवेसिव वेंटिलेशन पर रखने का फैसला किया. वेंटिलेशन पर रखे जाने के बाद भी मरीज में ठीक होने के कोई लक्षण नहीं दिखे और उनके नब्ज व अन्य मानकों का बिगड़ना जारी रहा. खराब स्थिति के बारे में कई बार परिजनों को बताया गया. दुर्भाग्य से आज सुबह कोविड के साथ अपनी लड़ाई हार गई.

मरीज की बेटी ने आरोप लगाया था कि 16 मई की शाम 6 बजे से 17 मई की सुबह 11 बजे के बीच मरीज के साथ तीन लोगों ने र्दुव्यवहार किया था, जिसे वह पहचानने में असमर्थ थी. इस मामले को अस्पताल प्रबंधन द्वारा गंभीरता से लिया गया है और उसी के आधार पर एक आंतरिक जांच की गई. जांच के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने संबंधित व उपयुक्त अधिकारियों के साथ साझा किया था कि हॉस्पिटल के परिसर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. पारस एचएमआरआई मैनमेंट टीम के पीडी गुप्ता ने कहा कि हम अपने रोगियों के लिए सर्वोत्तम देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम जांच में अपना पूरा समर्थन और सहयोग करेंगे.

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