सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में साइबर ठगी का गोरखधंधा काफी तेजी से फल फुल रहा है.साइबर ठगी करनेवाले गैंग के कुछ ऐसे बैंक खातों का पता चला है जिसके जरिये 5 करोड़ रूपये के लेनदेन किये गए हैं.पटना पुलिस ऐसे दो दर्जन बैंक खातों की जांच कर रही है.जांच में पता चला है कि इन खतों के जरिये करीब 5 करोड़ का लेन-देन हुआ है.दो खाते में ही 80 लाख का ट्रांजेक्शन होने की बात सामने आई है.
पुलिस के अनुसार ये साइबर ठग गिरोह पटना के साथ ही बिहार और देश के कई शहरों में सक्रीय है. कंकड़बाग पुलिस ने हाल ही में इसी तरह के एक साइबर फ्रॉड नागेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. नालंदा के थरथरी के रहने वाले नागेंद्र ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि पटना, नालंदा समेत बिहार के कई जिलों से लेकर देश भर में यह यह गिरोह एक्टिव है.गिरोह नौकरी दिलाने के नाम पर खाता खुलवाने के बाद उससे एटीएम कार्ड, चेकबुक और पासबुक ले लेता है. फिर उन्हीं खतों में साइबर फ्रॉड से आनेवाले पैसे को मंगाया जाता है. नागेंद्र के मोबाइल में पुलिस को इस तरह के 24 खतों का लेखाजोखा मिला है.
नागेंद्र ने ही पतंजलि में नौकरी दिलाने के नाम पर कंकड़बाग के रहने वाले टुन्नू साहब का एक्सिस बैंक और अनिल पासवान का एचडीएफसी बैंक में खाता खुलवाया.टुन्नू के खाते में एक ही दिन में करीब 66 लाख और अनिल के खाते में 14 लाख का लेन-देन हुआ. अनिल और टुन्नू के खाते में आए 66 लाख में से साइबर अपराधियों ने एक ही दिन में 63 लाख निकाल भी लिये. अनिल के खाते से भी 14 लाख की निकासी हो गई.
टुन्नू के खातेसे में 26 दिसंबर को ही 66 लाख का लेन-देन हुआ.बैंक से सूचना आने पर उन्हें पता चला और खाता को बंद कराने एक्सिस बैंक चले गए.अनिल को भी बैंक से फोन आया और वो खाता बंद कराने के लिए बैंक गए. उसके बाद टुन्नू ने कंकड़बाग थाने में नागेंद्र पर केस दर्ज करा दिया.केस दर्ज होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने रामकृष्णानगर में छापेमारी कर नागेंद्र को दबोचा. पुलिस अब उसे रिमांड पर लेने की तैयारी में है.