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सृजन घोटाला: CBI ने विशेष कोर्ट में दाखिल किया IAS रमैया समेत 60 के खिलाफ आरोप पत्र.

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सिटी पोस्ट लाइव :: बिहार के बहुचर्चित हजारों करोड़ रूपये के सृजन घोटाला मामले में सीबीआई ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.बिहार के भागलपुर जिले में हुए इस अरबों रुपए के घोटाला के तीन अलग-अलग मामलों  में पूर्व जिलाधिकारी एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के  अधिकारी केपी रमैया समेत 60 लोगों के खिलाफ CBI ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है.CBI ने शनिवार को पटना की एक विशेष अदालत में भारतीय दंड विधान और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया.

CBI ने यह आरोप पत्र विशेष न्यायाधीश प्रजेश कुमार की अदालत में दायर किया है.गौरतलब है कि पहले मामले में ब्यूरो ने 28 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. आरोपितों में भागलपुर के पूर्व डीएम केपी रमैया, नजारत के उप समाहर्ता विजय कुमार, नाजिर अमरेंद्र कुमार यादव, सृजन संस्था की प्रबंधक सचिव सरिता झा, अध्यक्ष शुभ लक्ष्मी प्रसाद, बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक शंकर प्रसाद दास, संयुक्त प्रबंधक वरुण कुमार, शाखा प्रबंधक गोलक बिहारी पांडा, शाखा प्रबंधक आनंद चंद्र गदाई के अलावा सृजन की पूर्व सचिव मनोरमा देवी (मृत) शामिल हैं.

दूसरे मामले में CBI ने 13 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है जिसमें सृजन संस्था की प्रबंधक सरिता झा, अध्यक्ष शुभ लक्ष्मी प्रसाद, इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक सुरजीत राहा, बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक आनंद चंद्र गदाई शामिल है. साथ ही सृजन की पूर्व सचिव मनोरमा देवी को मृत दिखाते हुए आरोपित किया गया है.ब्यूरो की ओर से तीसरे मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया गया है. यह आरोप पत्र 19 लोगों के खिलाफ दाखिल किया गया है. आरोपितों में इंडियन बैंक के मुख्य प्रबंधक देव शंकर मिश्रा, बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक शंकर प्रसाद दास, सृजन की सचिव सरिता झा और रजनी प्रिया तथा अध्यक्ष शुभ लक्ष्मी देवी शामिल है. इस मामले में ब्यूरो सात लोगों के खिलाफ पूर्व में ही आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है.

साल 2008 से 2014 के बीच भागलपुर जिले में महिला सुदृढ़ीकरण एवं सशक्तिकरण से जुड़ी सरकारी योजनाओं में अरबों रुपए की राशि का धोखाधड़ी एवं जालसाजी कर फर्जी निकासी का है. पूर्व में स्थानीय स्तर पर प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही थी. बाद में वर्ष 2017 में सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में लिया और पूर्व की कई प्राथमिकी के आधार पर विशेष मुकदमे दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया.ब्यूरो अभी तक 25 मामलों में आरोप पत्र दाखिल कर चुका है.सीबीआई जांच में तेजी आने से इस मामले में फंसे अभियुक्तों की सांस फुल रही है.सीबीआई अब अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चलायेगी.

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