सृजन घोटाला : CBI ने भागलपुर के तत्कालीन डीएम वीरेंद्र यादव पर दायर की चार्जशीट
सिटी पोस्ट लाइव : सृजन घोटाला बिहार का बहुचर्चित घोटाला है. इस घोटाले को लेकर हमेशा सरकार की मुश्किलें बढ़ी रही है क्योंकि सुशासन और भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करने का दावा करने वाले सीएम नीतीश कुमार पर इस घोटाले को लेकर विपक्ष हमेशा हमलावर रहा है. वहीँ इस हाई प्रोफाइल घोटाले में हर दिन एक नया मोड़ सामने आता है. सृजन घोटाला मामले में सीबीआई ने अब एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. भागलपुर के डीएम रहे आईएएस अधिकारी वीरेंद्र यादव पर घोटाले में शामिल रहने का आरोप लगाते हुए CBI ने कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है.
सीबीआई की जांच रिपोर्ट के मुताबिक ‘सृजन’ के खातों में सबसे अधिक सरकारी राशि का फर्जी तरीके से ट्रांसफर तत्कालीन जिलाधिकारी वीरेंद्र यादव के समय हुआ. बता दें वीरेंद्र यादव जुलाई 2014 से अगस्त 2015 तक भागलपुर के जिला अधिकारी रहे. वीरेंद्र यादव के निर्देश पर तकरीबन 300 करोड़ रूपये सृजन में ट्रांसफर किया गया था. इसमें जिला भू-अर्जन कार्यालय का 270 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री नगर विकास योजना की 12 करोड़ 20 लाख रुपया शामिल था.
सीबीआई जांच के मुताबिक जब वीरेंद्र यादव की संपत्ति का ब्यौरा निकला गया तो, पाया की उनकी संपत्ति आय से अधिक है. जिसके बाद सीबीआई ने जांच शुरू की तो पाया कि सरकारी राशि का फर्जी तरीके से ट्रांसफर उन्ही के कार्यकाल में हुआ. सीबीआई को जो साक्ष्य मिले हैं उसके मुताबिक इस घोटाले में तत्कालीन डीएम ने मोटी कमाई की है. डीएम ने कई फर्जी कामों में पैसे खाए हैं. जाहिर है कि सृजन महिला विकास सहयोग समिति की स्थापना 1996 में हुई.
कहने के लिए संस्था ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, नैतिक, शैक्षणिक विकास के लिए काम करती है. इसका कार्यक्षेत्र भागलपुर जिले के सबौर, गोराडीह, कहलगांव, जगदीशपुर, सन्हौला समेत 16 प्रखंडों तक फैला है. इसका उद्देश्य संगठनात्मक कार्यक्रम, प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्वरोजगार, बचत व साख, उत्पादन व मार्केटिंग, साक्षरता, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में काम करना था, लेकिन संस्था इसकी आड़ में सरकारी फंड का बैंक की मिलीभगत से अपने खाते में लाकर उसका दुरुपयोग कर रही थी.