सिटी पोस्ट लाइव: मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर का रंगारंग दरबार और महफ़िल केवल मुजफ्फरपुर में ही नहीं बल्कि राजधानी पटना में भी सजती थी.अपने कारोबार को आगे बढाने के लिए ब्रजेश ठाकुर ने राजधानी में भी ‘बड़े लोगों’ की ‘सेवा-सत्कार’ के विशेष इंतजाम कर रखा था. यहां भी देर रात तक ‘बड़े लोगों’ की महफिल जमती थी, जिसमें लड़कियां भी होतीं थीं. यहां राजनेताओं के साथ-साथ उन नौकरशाहों को विशेष सेवा दी जाती थी, जिनसे ब्रजेश ठाकुर का वास्ता पड़ता था.
ब्रजेश ठाकुर के इस महफ़िल में कई मंत्री, विधायक और राजनीतिक दलों के प्रवक्ता देखे जाते थे.दरअसल, राजधानी के बुद्धा मार्ग स्थित जादूघर के ठीक सामने आइआइबीएम परिसर में अवस्थित प्रात: कलम अखबार का यह दफ्तर राजीव रंजन के मकान में चलता है. अखबार ‘प्रात: कमल’ के पटना ब्यूरो दफ्तर में नीचे के तीन कमरों की साज-सज्जा दफ्तर की तरह है, लेकिन ऊपर अत्याधुनिक सुविधाओं वाले बेडरूम हैं. दफ्तर का संचालन ब्रजेश ठाकुर का भतीजा झूलन करता था. 2 जून को ब्रजेश की गिरफ्तारी के बाद से झूलन गायब है. दफ्तर के आगे लगा प्रात: कमल का साइनबोर्ड भी हटा लिया गया है और दफ्तर पर ताला लगा है.
पड़ोसियों के अनुसार ब्रजेश ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद से ही दफ्तर बंद है. हालांकि, पुलिस द्वारा इस दफ्तर की तलाशी तक नहीं ली है. अगर तलाशी ली गई तो यहां भी ब्रजेश ठाकुर की कई कारगुजारियों से पर्दा उठा सकता है. खासकर दफ्तर के ऊपर वाले बेडरूम से कई हम सुराग मिल सकते हैं.स्थानीय लोगों के अनुसार इस बेडरूम का ताला तभी खुलता था, जब ब्रजेश ठाकुर यहां आता था.जब भी वह आता था उससे मिलने के लिए नेता अधिकारी आते रहते थे. जब भी ब्रजेश यहाँ रहता था ,मजमा लगा रहता था .
सीबीआइ की दिल्ली स्थित विशेष अदालत की एक नोटिस भी इस दफ्तर के बाहर चस्पा है, जिसमें लिखा है कि सीबीआइ राजीव रंजन की तलाश में है. वह या तो सीबीआइ की विशेष अदालत या सीबीआइ के दफ्तर में आत्मसमर्पण करे. सीबीआइ की विशेष अदालत ने इसके लिए राजीव रंजन को 24 अगस्त तक का मोहलत दे रखी है. राजीव रंजन के विरुद्ध सीबीआइ की विशेष अदालत ने एक आपराधिक मामले में वारंट जारी कर रखा है.राजधानी के प्राइम लोकेशन पर अवस्थित इस चार कमरे के मकान को ब्रजेश ठाकुर के पिता राधामोहन ठाकुर ने किराए पर ले रखा था जिसके ऊपर ब्रजेश ने आगे चलकर कब्जा कर लिया.
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