7 जुलाई 2013 को बोधगया में हुए नौ धमाकों में पांच आरोपियों के खिलाफ एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार ने फैसला सुनाते हुए सभी दोषी करार आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुना दिया है. साल 2013 में हुए इस धमाके में एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थ यात्री घायल हो गए थे.हैदर अली जिसने तत्कालीन भावी पीएम नरेन्द्र मोदी को उड़ाने की योजना बनाई थी,उसे 14 साल की सजा सुनाई गई है.आतंकियों के वकील ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ वो हाईकोर्ट जायेगें .
सिटीपोस्टलाईव: बिहार के बोधगया सीरियल ब्लास्ट मामले में दोषी करार दिये गये लोगों को आज एनआईए की कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुना दी है .गौरतलब है कि आज सुनाये गए आतंकियों में हैदर अली भी शामिल है जिसने तब भावी पीएम नरेन्द्र मोदी को पटना के गांधी मैदान में बीजेपी की रैली में उड़ा देने की योजना बनाई थी.बोधगया सीरियल ब्लास्ट से देश को दहलाने वाला आतंकी हैदर अली ने बोधगया में सीरियल ब्लास्ट को महज विस्फोटकों की मारक क्षमता का अंदाज लगाने के लिए अंजाम दिया था.उसकी असली योजना तब देश के भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की थी.ऍनआईए ने खुलासा किया था कि हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी ने नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के बाद विदेश भागने के फिराक में था.वह अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान भागने वाला था लेकिन पकड़ा गया.
एनआइए ने अपनी जांच के दौरान जुटाए साक्ष्यों के आधार पर अदालत को यह भी बताया है कि नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी ने आत्मघाती जैकेट तक की व्यवस्था कर रखी थी. वह पटना में दिनांक 27 अक्टूबर, 2013 को बीजेपी की हुंकार रैली में इस जैकेट के साथ नरेंद्र मोदी पर आत्मघाती हमला करने वाला था.रांची के इरम लॉज में तैयार इस आत्मघाती जैकेट का जब टेस्ट किया गया तब उस टेस्ट में आत्मघाती जैकेट फेल हो गया और उसने ऐन वक्त पर इस आत्मघाती जैकेट के इस्तेमाल की योजना टाल दी थी. एनआइए की टीम ने सीठियो और इरम लॉज से यह आत्मघाती जैकेट भी बरामद कर लिया था.
..गौरतलब है कि एनआईए कोर्ट में सभी दोषियों को कल ही पेश किया गया था . सजा के बिंदुओं पर सुनवाई के बाद सजा का एलान होना था .लेकिन सजा के बिन्दुओं पर सुनवाई पूरी नहीं हो पाने के कारण सजा पर सुनवाई टल गई थी.आज कोर्ट न सजा पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुना दिया.कोर्ट ने सभी पांच आरोपियों को आजीवन कारवास की सजा सुना दी . ..तीन दिन पहले चार साल 10 माह 12 दिन के बाद शुक्रवार को एनआईए कोर्ट का फैसला आया था. कोर्ट ने मामले में आरोपी सभी 5 आरोपियों को दोषी करार दिया था. आज सुबह बोधगया ब्लास्ट के सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एनआईए कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाई दी गई थी.
7 जुलाई 2013 को बोधगया में हुए नौ धमाकों में पांच आरोपियों के खिलाफ एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार ने फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था. साल 2013 में हुए इस धमाके में एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थ यात्री घायल हो गए थे.
पटना सिविल कोर्ट में 2013 में गठित एनआईए कोर्ट का यह पहला फैसला है. बोधगया ब्लास्ट में एनआईए द्वारा इस मामले में 90 गवाहों को पेश किया गया था. विशेष न्यायाधीश ने 11 मई 2018 को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अपना निर्णय 25 मई तक सुरक्षित रख लिया था. 26 को उन्हें दोषी करार दिया दिया था.आज सभी को सजा सुना दिया गया.
दोषियों में इम्तियाज अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी और मुजिबुल्लाह अंसारी भी शामिल हैं. ये सभी पटना के बेउर जेल में बंद है. एनआईए ने मामले की जांच करने के बाद सभी आरोपियों पर तीन जून 2014 को चार्जशीट फाइल किया था. 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में हुए ब्लास्ट मे भी ये सभी आरोपी हैं.