बिहार की सबसे बड़ी दवा मंडी बनी मौत की मंडी, छापेमारी में 3 लाख से अधिक की दवाएं जब्त

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में दवा के नाम पर जहर का कारोबार हो रहा है.राज्य की  सबसे बड़ी दवा मंडी पटना के GM रोड मौत की मंडी बन चूका है. ड्रग विभाग के छापेमारी के दौरान  स्टॉकिस्ट के पास से संदिग्ध दवाओं की खेप वरामद हुई है.ये दवायें  नकली है या असली, इसकी जांच पड़ताल कराई जा रही है. लगातार तीसरे दिन शनिवार को हुई छापेमारी में जय एंटरप्राइजेज से 70 हजार की दवाएं जब्त की गई हैं. 3 दवाओं का नमूना जांच के लिए भेजा गया है, जबकि बाकी संदिग्ध दवाओं को नष्ट करा दिया गया है. ड्रग इंस्पेक्टर डॉ. अमल का कहना है कि 3 दिनों में अकेले उनकी ही टीम ने लगभग 2 लाख की दवा जब्त की है. 3 दिनों में 20 तरह की दवाओं का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है.

स्टॉकिस्ट के पास फ्रिज तक की व्यवस्था नहीं है. दवा के लाइसेंस को लेकर फ्रिज तो आधार है और जिस दुकान पर फ्रिज नहीं है, वहां कम तापमान में रखी जाने वाली दवाएं कैसे स्टोर की जाती है,ये  बड़ा सवाल है. ऐसे में मरीजों के लिए यह दवाएं पूरी तरह से कारगर भी नहीं हो पाएंगी.दवा की मंडी GM रोड पर लगातार तीसरे दिन शनिवार को छापेमारी हुई है. गुरुवार को दो दुकानों पर छापेमारी हुई थी, इसके बाद शुक्रवार को एक स्टॉकिस्ट के यहां छापेमारी की गई. शनिवार को पटना के जीएम रोड के एसपी घोष मार्ग पर स्थित जय एंटरप्राइजेज पर छापेमारी की गई है. लगभग 3 घंटे तक चली छापेमारी में कई खामियां पाई गई हैं.

जय एंटरप्राइजेज में महिलाओं की समस्या से जुड़ी एक खास दवा SCG को फ्रीज में रखना था, लेकिन दुकानदार के पास फ्रिज ही नहीं था. इस कारण से दवा बाहर ही रखी गई थी. इन दवाओं को जब्त कर लिया गया है. छापेमारी में 26 तरह की दवाएं बिना बिल के मिली हैं.राज्य औषधि नियंत्रण विभाग के आदेश पर चल रही दवा मंडी में छापेमारी आगे भी जारी रहेगी. औषधि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जीएम रोड में अब तक 4 दुकानों पर छापेमारी में बड़ा खुलासा हुआ है.

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